छत्तीसगढ़ में माओवादियों का पतन और ‘घोटालों’ पर कार्रवाई हुई, साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन

छत्तीसगढ़ में माओवादियों का पतन और 'घोटालों' पर कार्रवाई हुई, साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन

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  • Publish Date - December 25, 2025 / 08:20 PM IST,
    Updated On - December 25, 2025 / 08:20 PM IST

रायपुर, 25 दिसंबर (भाषा) कभी भाकपा (माओवादी) के सबसे मजबूत गढ़ माने जाने वाले छत्तीसगढ़ में 2025 में यह संगठन कमजोर काफी कमजोर हो गया, दूरदराज में उसके कुछ बिखरे सशस्त्र कार्यकर्ताओं को छोड़ दें तो उसका कोई भी शीर्ष नेता अब सक्रिय नहीं है।

इस साल बीजापुर में एक सड़क निर्माण ठेकेदार द्वारा स्वंतत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या, कथित मानव तस्करी तथा धर्मांतरण मामले में केरल की दो ननों की गिरफ्तारी भी हुई।

इस वर्ष कथित शराब घोटाला और छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले के सिलसिले में केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा कांग्रेस विधायक कवासी लखमा तथा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल जैसी हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारियां की गयीं। इससे भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच टकराव बढ़ गया।

राज्य की राजनीति में इस वर्ष भाजपा ने अपना दबदबा मजबूत किया। फरवरी में नगर निकाय चुनाव में पार्टी सभी 10 नगर निगमों में महापौर पद जीत गयी।

साल के अंतिम माह में प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल के निधन ने साहित्य प्रेमियों को झकझोर दिया।

इस वर्ष नक्सलवाद के खिलाफ निरंतर कार्रवाई जारी रखते हुए सुरक्षा बलों ने छह शीर्ष माओवादी नेताओं को खत्म कर सबसे महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। उनमें भाकपा (माओवादी) महासचिव नंबला केशव राव उर्फ बसवराजू (70) भी शामिल था, जो 21 मई को एक मुठभेड़ में मारा गया।

केंद्रीय समिति के अन्य सदस्य–रामचंद्र रेड्डी उर्फ जयराम उर्फ चलपति, गौतम उर्फ सुधाकर, मोडेम बालकृष्ण, और राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी तथा कोसा दादा उर्फ कडारी सत्यनारायण रेड्डी भी मारे गये।

इस साल राज्य के माओवाद विरोधी इतिहास में सबसे बड़ा सामूहिक आत्मसमर्पण भी हुआ। केंद्रीय समिति सदस्य रूपेश उर्फ सतीश समेत 210 कार्यकर्ताओं ने 17 अक्टूबर को जगदलपुर में हथियार डाल दिए। एक और केंद्रीय समिति सदस्य, रामधर तथा 11 अन्य ने दिसंबर में राजनांदगांव में आत्मसमर्पण किया।

इस साल सुरक्षाबलों ने 285 माओवादियों को मार गिराया, 906 को गिरफ्तार किया और 1,616 अन्य को आत्मसमर्पण करने में मदद की।

साल का प्रारंभ खराब रही। छह जनवरी को बीजापुर में एक बारूदी सुरंग विस्फोट में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के आठ जवान और एक नागरिक वाहन चालक मारे गए। पर बाद में सुरक्षा बलों ने माओवादियों के गढ़ समझे जाने वाले क्षेत्रों–अबूझमाड़, इंद्रावती नेशनल पार्क और छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में बड़े अभियान चलाये।

माओवादियों के खिलाफ सबसे बड़े अभियान में नौ फरवरी को बीजापुर में 31 माओवादी मारे गए। हालांकि सुकमा में नौ जून को बारूदी सुरंग विस्फोट में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव गिरेपुंजे की मौत होने से सुरक्षा बलों को एक और झटका लगा।

अगस्त 2024 में गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च, 2026 तक वामपंथी उग्रवाद को खत्म करने की घोषणा की थी। उसके बाद सुरक्षाबल लगातार नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर रहे हैं।

तेरह दिसंबर को अपने दो साल पूरे कर चुकी विष्णु देव साय सरकार ने नक्सल आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 एवं अन्य योजनाओं से इस प्रयास को और मजबूत किया।

राजनीतिक रूप से, 2025 भाजपा का रहा। फरवरी में पार्टी सभी 10 नगर निगमों में महापौर पद पर जीत गयी। उसने 49 नगर परिषदों में से 35 और 114 नगर पंचायतों में से 81 में भी बहुमत हासिल किया। भाजपा ने 81 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद भी जीते।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक नवंबर को छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस की रजत जयंती पर नवा रायपुर में नये विधानसभा भवन और आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन किया ।

राज्य में पुलिस महानिदेशकों और महानिरीक्षकों का 60वां अखिल भारतीय सम्मेलन भी हुआ।

केंद्रीय और राज्य की एजेंसियों ने पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान शराब, कोयला, चावल मिलिंग, जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) फंड और सीजीपीएससी भर्ती से जुड़े कथित घोटालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की।

प्रवर्तन निदेशालय ने 15 जनवरी को कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और 18 जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया।

भूपेश बघेल ने इसे राजनीतिक बदले की भावना बताया।उन्होंने इसे अदाणी समूह द्वारा जंगलों की कटाई और खनन का कांग्रेस द्वारा विरोध करने से जोड़ा।

मार्च में महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप मामले में भी छापे मारे गए।

इस वर्ष के आरंभ में बीजापुर में स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर (33) की हत्या से देश भर में आक्रोश फैल गया। तीन जनवरी को वह एक सेप्टिक टैंक में मृत पाए गए। इस मामले में पुलिस ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर एवं अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया।

पुलिस के अनुसार मुकेश ने बीजापुर में सड़क निर्माण कार्य में सुरेश के कथित भ्रष्टाचार को उजागर किया।

इस वर्ष जुलाई-अगस्त में दुर्ग में तस्करी और जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप में केरल की दो ननों—प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस और एक आदिवासी व्यक्ति की गिरफ्तारी से विवाद खड़ा हो गया।

हालांकि उन्हें दो अगस्त को जमानत मिल गई, लेकिन उसमें तब एक नया आ गया जब राज्य महिला आयोग ने इस आरोप के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कहा। शिकायतकर्ताओं ने बजरंग दल पर उन पर हमले का आरोप लगाया।

इन विवादों के बीच उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने एक सख्त धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने की योजनाओं की घोषणा की।

चार नवंबर को बिलासपुर के पास एक यात्री ट्रेन के एक खड़ी मालगाड़ी से टकराने से 12 लोगों की मौत हो गई।

अप्रैल में, रायपुर के व्यवसायी दिनेश मिरानिया भी पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए।

वर्ष का अंतिम माह का अंतिम सप्ताह साहित्य प्रेमियों को दुख देकर चला गया। प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का 23 दिसंबर को निधन हो गया।

विनोद कुमार शुक्ल को 59 वां ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

भाषा संजीव नोमान राजकुमार

राजकुमार