भोपाल। भोपाल सीट से चुनावी मैदान में उतरे दिग्विजय सिंह अपनी हिन्दू विरोधी छवि धोने में लगे है। इसी कवायद में वो मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं, रामनवमी के मौके पर भी दिग्विजय सिंह भोपाल के राम मंदिर पहुंचे थे। जहां आचार संहिता के बावजूद उनकी एक घोषणा ने सबको चौंका दिया। उन्होंने मंदिर के सामने जिला कांग्रेस को आवंटित हुई जमीन राम मंदिर ट्रस्ट को देने की मंशा जाहिर की। जिस पर बीजेपी जमकर निशाना साध रही है।
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कहा जा रहा है कि, ये दिग्विजय सिंह का नया अवतार है। पूरी तरह से भक्ति के रंग में रंगे हुए भोपाल की गलियों में घूम रहे हैं, रास्ते में जहां मंदिर मिला वहीं माथा टेक लिया, जहां पहुंचे वहां पार्टी के नारों से ज्यादा भगवान के नारों की गूंज। अपनी एंटी हिन्दू वाली इमेज को बदलने के लिए दिग्गी राजा दिन रात एक किए हुए हैं। हैरानी की बात ये है कि रामनवी के मौके पर एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे दिग्विजय सिंह ने जिला कांग्रेस को आवंटित जमीन को राम मंदिर ट्रस्ट को सौंपने की मंशा जाहिर कर दी।
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मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री पीसी शर्मा तो दो कदम आगे निकले। दिग्विजय सिंह को तुरंत भगवान राम का वंशज बताकर देशभक्ति की गंगा में हाथ धो लिए। लेकिन बीजेपी इतनी आसानी से दिग्गी राजा को राम भक्त नहीं बनने देगी। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि भगवा आतंकवाद की बात करने वाले रामजादा तो नहीं हो सकते।
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भोपाल लोकसभा सीट कांग्रेस दो दशक से हार रही है। बिना बहुसंख्यक लोगों के सपोर्ट के यहां जीत नहीं मिल सकती है। ऐसे में दिग्विजय अपनी हिन्दू विरोधी इमेज से बाहर निकलने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। इससे पहले RSS कार्यालय की सुरक्षा हटाई गई थी तो भी दिग्विजय ने सीएम से इसे बहाल करने का अनुरोध किया था। सुरक्षा वापस बहाल भी हो गई। दिग्गी राजा ने भोपाल जीतने के लिए भगवा भी धारण कर लिया। अब देखना ये है कि खुद में इतने बदलाव कर चुके दिग्विजय वोटर का मन बदलने में कितना सफल होते हैं।