पेगासस जासूसी मुद्दे पर संसद नहीं चलने देने को लेकर योगी ने की विपक्ष की आलोचना | Yogi criticizes opposition for not allowing Parliament to function on Pegasus espionage issue

पेगासस जासूसी मुद्दे पर संसद नहीं चलने देने को लेकर योगी ने की विपक्ष की आलोचना

पेगासस जासूसी मुद्दे पर संसद नहीं चलने देने को लेकर योगी ने की विपक्ष की आलोचना

पेगासस जासूसी मुद्दे पर संसद नहीं चलने देने को लेकर योगी ने की विपक्ष की आलोचना
Modified Date: November 29, 2022 / 08:12 pm IST
Published Date: July 20, 2021 2:03 pm IST

लखनऊ, 20 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश में ‘नकारात्मक’ वातावरण बनाने और पेगासस जासूसी विवाद को लेकर संसद की कार्यवाही नहीं चलने देने को लेकर मंगलवार को विपक्ष की कड़ी आलोचना की और उनसे माफी मांगने को कहा।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा नेता ने कहा कि विपक्ष के ‘नकारात्मक रवैये’ ने संसद में आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं होने दी।

आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘पिछले दो दिनों से विपक्ष पेगासस मुद्दे पर देश के वातावरण को दूषित करने का प्रयास कर रहा है और यह सिर्फ उनकी बीमार मानसिकता को दर्शाता है। कांग्रेस सरकारें अपने कार्यकाल में ऐसा करती रही हैं और अब पार्टी विपक्ष में आकर भी वही कर रही है।’’

मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर कोविड-19 महामारी संकट के दौरान ‘नकारात्मक राजनीति’ करने का आरोप लगाया।

इजराइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ का इस्तेमाल कर भारत में पत्रकारों, नेताओं, मंत्रियों, न्यायाधीशों और अन्य की जासूसी के आरोप के संदर्भ में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘लोगों को समर्थन देने के स्थान पर कांग्रेस के नेताओं ने कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान अराजकता की स्थिति पैदा कर दी। ऐसे समय में जब संसद सत्र आहूत करने जैसा ठोस फैसला लिया गया है तो, सत्र शुरू होने से महज एक दिन पहले सनसनखेज बात सामने लायी गयी, समाज के वातावरण को दूषित करने का प्रयास किया जा रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह राजनीति के गिरने स्तर को दिखाता है। विपक्ष पूरी तरह से नकारात्मक भूमिका में है और जाने-अनजाने भारत को अस्थिर करने वाले किसी ना किसी अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र का हिस्सा बन रहा है।’’

मुख्यमंत्री ने सवाल किया, ‘‘यह ऐसी पहली घटना नहीं है। 2020 की शुरुआत में, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान दिल्ली में भीषण हिंसा का दौर चला। क्या वह किसी साजिश का हिस्सा नहीं था?’’

आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के कोविड-19 प्रबंधन की प्रशंसा की है, लेकिन विपक्ष देश में ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास कर रहा है कि सरकार को कुछ पता ही नहीं है और लोग महामारी से मर रहे हैं। भारत को दुनिया भर में बदनाम करने और देश को अस्थिर बनाने के लिए विपक्ष जिस स्तर पर काम कर रहा है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’’

उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे कई मौके आए हैं जब किसी भी महत्वपूर्ण अवसर से पहले ‘‘विपक्ष भारत के खिलाफ साजिश का हिस्सा बन गया है।’’

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह परंपरा रही है कि मंत्रिपरिषद का गठन होने या मंत्रिपरिषद में विस्तार के बाद प्रधानमंत्री अपने नये मंत्रियों का सदन में परिचय करवाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘संसद ऐसा मंच है जहां लोग अपने विचार सामने रखते हैं। अगर हम संसद की आवाज को शेर-शराबे के बीच दब जाने देंगे, तो यह लोकतंत्र का गला घोंटने जैसा होगा और विपक्ष लगातार ऐसा कर रहा है।’’

उन्होंने यह भी दावा किया कि ‘‘किसान आंदोलन के नाम पर देश के खिलाफ षड्यंत्र किया जा रहा है।’’

आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘किसानों को समुदाय और धर्म के आधार पर बांटने और उनके जरिए राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को अंजाम देना और इस नकारात्मक राजनीति का देश, विपक्ष या जनता किसी को लाभ नहीं होगा, लेकिन इससे वातावरण दूषित जरूर हो जाएगा।’’

पेगासस स्पाईवेयर मुद्दा संसद के मानसून सत्र में हंगामे की वजह बना हुआ है।

जासूसी विवाद से जुड़े आरोपों को लेकर राजनीतिक छींटाकशी बढ़ गयी है और केन्द्र ने सोमवार को इन आरोपों से साफ-साफ इंकार करते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है, वहीं भाजपा-कांग्रेस के बीच जारी वाकयुद्ध के बीच मुख्य विपक्षी दल ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफा देने की भी मांग की है।

एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम ने रविवार को खबर दी कि भारत में दो मंत्रियों, 40 से ज्यादा पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं, एक मौजूदा न्यायाधीश, कई उद्योगपतियों और कार्यकर्ताओं सहित 300 लोगों के सत्यापित मोबाइल फोन नंबरों को स्पाईवेयर की मदद से संभवत: निशाना बनाया गया होगा ।

भाषा जफर अर्पणा उमा

उमा

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