(Apollo Micro Systems Share, Image Credit: IBC24 News Customize)
Apollo Micro Systems Share: मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन के लिए उत्पादन एजेंसी के रूप में DRDO की मंजूरी मिलने और NASM-SR मिसाइल के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद, अपोलो माइक्रो सिस्टम्स ने दो दिनों में करीब 14% की तेजी के साथ 52 हफ्तों के नये उच्च स्तर को छू लिया।
अपोलो माइक्रो सिस्टम्स के शेयरों में बीएसई पर दो दिनों में 13.8% की बढ़ोतरी हुई और मंगलवार, 2 अगस्त को यह 52 सप्ताह के नए उच्चतम स्तर 279.95 रुपये पर पहुंच गया। कंपनी ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ नए अनुमोदन और समझौतों की घोषणा की है।
कंपनी ने एक फाइलिंग में जानकारी दी कि उसे डीआरडीओ द्वारा डीसीपीपी के तहत मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन ( MIGM) विघाना के लिए उत्पादन एजेंसी के रूप में मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही, अपोलो माइक्रो सिस्टम्स ने NASM-SR मिसाइल के लिए एक ओमनी-डायरेक्शनल मल्टी-ईएफपी वारहेड के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (ToT) के लिए डीआरडीओ के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं। दोनों घटनाक्रमों को कंपनी के सामान्य व्यावसायिक कार्य का हिस्सा बताया है, जो भारत के रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र में इसकी बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
समझौते के बाद कंपनी ने क्या कहा?
कंपनी ने कहा, ‘हमें आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कंपनी को अपने सामान्य व्यावसायिक कार्यकलापों के तहत, डीआरडीओ द्वारा डीसीपीपी के अंतर्गत मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन ( MIGM) विघाना के लिए एक उत्पादन एजेंसी के रूप में अनुमोदित किया गया है। कंपनी ने NASM-SR मिसाइल के लिए ओमनी-डायरेक्शनल मल्टी-ईएफपी वारहेड के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण (ToT) के लिए डीआरडीओ के साथ समझौता किया है।’
इस घोषणा से शेयर में खरीदारी की दिलचस्पी फिर से बढ़ गई है और पिछले दो कारोबारी सत्रों में यह नए शिखर पर पहुंच गया है। मंगलवार, 2 अगस्त को 2.68% उछलकर 279.95 रुपये के साथ 52 सप्ताह के हाई लेवल पर पहुंच गया है। वहीं, इस तेजी की मुख्य वजह रक्षा क्षेत्र में बढ़ती गतिविधियों के कारण, हाल ही में रक्षा क्षेत्र में भी निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।