Nifty Outlook Next Week: Nifty अगले हफ्ते देगा बड़ा संकेत! ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन? एक्सपर्ट्स ने बताए अहम लेवल
Nifty Outlook Next Week: Nifty अगले हफ्ते देगा बड़ा संकेत! ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन? एक्सपर्ट्स ने बताए अहम लेवल
(Nifty Outlook Next Week, Image Credit: IBC24 News Customize)
- निफ्टी 1% गिरकर 25,200 के नीचे बंद, कोई स्पष्ट दिशा नहीं
- 25,000 का लेवल बना निफ्टी के लिए 'मेक या ब्रेक' पॉइंट
- शॉर्ट टर्म रिकवरी संभव, लेकिन लॉन्ग पोजिशन में सतर्कता जरूरी
Nifty Outlook Next Week: पिछले सप्ताह भारतीय शेयर बाजार में भी गिरावट का सिलसिला जारी रहा। वहीं, निफ्टी एक सीमित रेंज में फंसा रहा और उसे कोई स्पष्ट दिशा नहीं मिली। लगातार प्रयासों के बावजूद, निफ्टी 25,600 के महत्वपूर्ण रेजिस्टेंस लेवल को पार नहीं कर पाया और हफ्ते के अंत में 25,200 के नीचे पर बंद हुआ। सप्ताहभर में करीब 1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। निवेशकों की नजरें अब अगले हफ्ते निफ्टी और बैंक निफ्टी के रुख पर टिक गई है। वहीं, आनंद राठी ग्रुप के इक्विटी रिसर्च के सीनियर मैनेजर चार्ट की स्थिति पर अपनी राय साझा कर रहे हैं।
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मिड कैप और स्मॉल कैप सेक्टर में बिकवाली
बीते सप्ताह व्यापक बाजारों में, खासकर स्मॉल और मिडकैप सेगमेंट में बिकवाली में तेजी देखने को मिली। इन दोनों सूचकांकों में 1% से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली। इसकी मुख्य वजह बाजार में सकारात्मक संकेतों का अभाव रहा, जिसके कारण निवेशक सतर्क हो गए।
निफ्टी के लिए मजबूत रेजिस्टेंस
लगातार दूसरे हफ्ते निफ्टी 25,600 से 25,800 के बीच के मजबूत रेजिस्टेंस लेवल को पार करने में असफल रहा। यह स्तर अक्टूबर 2024 में बने गैप-डाउन जोन से मेल खाता है, जो तब एक बड़ा टॉप बन चुका था। इस कारण यह क्षेत्र तकनीकी रूप से एक मजबूत रेजिस्टेंस बन चुका है। जब तक निफ्टी इस जोन से ऊपर नहीं निकलता, तब तक तेज उछाल की उम्मीद करना बहुत मुश्किल है।
निवेशकों के लिए सुझाव
नीचे की ओर 25,000 का स्तर निफ्टी के लिए अहम सपोर्ट माना जाता है। यह सपोर्ट शॉर्ट टर्म ट्रेंडलाइन से भी मजबूत हो रहा है। अगर यह स्तर टूट जाता है तो निफ्टी 24,500 के करीब जा सकता है, जिससे बाजार में और गिरावट देखने को सकती है। दूसरी ओर, यदि 25,000 का स्तर बरकरार रहता है, तो शॉर्ट टर्म में बाजार में रिकवरी देखने को मिल सकती है। हालांकि, ऐसी रिकवरी के दौरान निवेशकों को सावधानी बरतना जरूरी है और अपने लॉन्ग पोजीशंस को सीमित करने पर विचार करना चाहिए क्योंकि मिड और स्मॉलकैप में अभी भी कमजोरी बनी हुई है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

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