NSE IPO: NSE के IPO की दस्तक जल्द, सेबी चीफ के संकेत से बाजार में मची हलचल

NSE IPO: NSE के IPO की दस्तक जल्द, सेबी चीफ के संकेत से बाजार में मची हलचल

NSE IPO: NSE के IPO की दस्तक जल्द, सेबी चीफ के संकेत से बाजार में मची हलचल

(NSE IPO, Image Credit: Meta AI)

Modified Date: May 22, 2025 / 03:11 pm IST
Published Date: May 22, 2025 3:11 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सेबी चीफ ने दिए संकेत - NSE IPO को जल्द मिल सकती है मंजूरी।
  • 8 साल से अटका है प्रस्ताव, 2016 में पहली बार दाखिल किए गए थे दस्तावेज।
  • NSE का वैल्यूएशन 4.7 लाख करोड़ रुपये, देश की 10वीं सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनी।

NSE IPO: देश का सबसे बड़ा शेयर बाजार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) जल्द ही आईपीओ (IPO) लाने की तैयारी कर रहा है। SEBI के चेयरमैन ने गुरुवार को जानकारी दी कि NSE से जुड़े सभी लंबित मुद्दों को जल्द ही निपटा लिया जाएगा। उन्होंने भरोसा जताया कि बाजार नियामक सेबी और NSE के बीच बातचीत चल रही है और IPO को मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

सेबी के पास अटका है प्रस्ताव

उन्होंने बताया कि सभी मुद्दों का समाधान कर लिया जाएगा किंतु किसी निश्चित समयसीमा के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता। उन्होंने यह बात एसोचैम के कार्यक्रम के दौरान कही। वर्तमान में NSE का IPO सेबी के पास लंबित है क्योंकि को-लोकेशन जैसे पुराने मसलों को लेकर सेबी को कुछ चिंताएं हैं।

NSE का IPO प्लान 8 साल से अटके

बता दें कि NSE ने 2016 में पहली बार IPO लाने की योजना बनाई थी। उस समय कंपनी ने 22% हिस्सेदारी बेचकर 10,000 करोड़ रुपये जुटाने की बात कही थी। लेकिन कुछ नियामक मुद्दों और संचालन से जुड़ी समस्याओं के कारण सेबी ने इसे मंजूरी नहीं दी थी। इसके बाद NSE ने कई बार सेबी से संपर्क भी किया था।

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को-लोकेशन विवाद बनी रूकावट

को-लोकेशन वह सुविधा है जहां ब्रोकर अपने सर्वर एक्सचेंज परिसर में लगाकर तेज डेटा एक्सेस और ऑर्डर निष्पादन कर सकते हैं। इस सुविधा के दुरुपयोग के आरोप लगे, जिससे NSE विवादों में आ गया। हालांकि, अब सेबी ने एक कमिटी बनाई है और IPO पर विचार चल रहा है। मौजूदा समय में NSE का मूल्यांकन लगभग 4.7 लाख करोड़ रुपये है और यह भारत की 10वीं सबसे बड़ी निजी कंपनी है।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।