Rate Cut Impacts: RBI का रेट कट बना गेमचेंजर… ये स्टॉक्स बना सकते हैं मालामाल!

Rate Cut Impacts: RBI का रेट कट बना गेमचेंजर... ये स्टॉक्स बना सकते हैं मालामाल!

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Modified Date: June 9, 2025 / 09:53 AM IST
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Published Date: June 9, 2025 9:53 am IST
Rate Cut Impacts: RBI का रेट कट बना गेमचेंजर… ये स्टॉक्स बना सकते हैं मालामाल!
HIGHLIGHTS
  • RBI ने रेपो रेट में लगातार तीसरी बार कटौती की।
  • FY26 के लिए महंगाई अनुमान घटाकर 3.7% किया गया, जबकि GDP ग्रोथ 6.5% पर बरकरार।
  • बैंकिंग, ऑटो और रियल एस्टेट सेक्टर में उछाल की उम्मीद।

Rate Cut Impacts: शुक्रवार को भारतीय रिचर्ज बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान कुछ बड़े फैसले लिए, जिनका असर सीधे तौर पर शेयर बाजार और विभिन्न सेक्टर्स पर देखने को मिल सकते हैं। गवर्नर की अध्यक्षता में हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट को 6.00% से घटाकर 5.50% कर दिया गया, यानी इसमें 50 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती की गई है। यह लगातार तीसरी बार है जब RBI ने ब्याज दरों में कटौती की है।

इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में भी 100 bps की कटौती की है, जिससे बैंकों की नकदी स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। RBI ने अपने नीतिगत रुख में भी बदलाव किया है इनमें ‘अकोमोडेटिव’ से हटकर अब इसे ‘न्यूट्रल’ कर दिया गया है, जो कि एक संतुलित दृष्टिकोण की ओर संकेत देता है।

ये सेक्टर होंगे फायदे में?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्याज दरों में कमी का सबसे बड़ा फायदा उन सेक्टर्स को होगा जो रेट-सेंसिटिव माने जाते हैं, जैसे कि रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल और MSME। CRR में कटौती से बैंकों के पास अतिरिक्त फंड की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे फेस्टिव सीजन में क्रेडिट ग्रोथ में तेजी देखने को मिल सकती है। एक्सिस सिक्योरिटीज का कहना है कि दिसंबर 2025 तक बैंकों के सिस्टम में 2.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त लिक्विडिटी आ सकती है। RBI ने FY26 के लिए महंगाई अनुमान को 4% से कटौती के साथ 3.7% कर दिया है, जबकि GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर स्थिर रखा गया है। जिससे महंगाई पर नियंत्रण पाया जा रहा है और मांग में सुधार की उम्मीद की जा रही है।

बैंकिंग सेक्टर पर पड़ेगा सीधा प्रभाव

एक्सिस सिक्योरिटीज और अन्य घरेलू ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि मजबूत बैलेंस शीट, स्थिर एसेट क्वालिटी और अनुभवी प्रबंधन वाली बैंकिंग कंपनियां निवेश के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकती हैं। PMS के CIO नवीन कुलकर्णी का कहना है कि FY26 की दूसरी छमाही में अनसिक्योर्ड सेगमेंट में तनाव कम होगा, जिससे बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता और क्रेडिट डिमांड में सुधार देखा जा सकेगा।

इन शेयरों पर रखें नजर?

एक्सपर्ट के मुताबिक, इस मौद्रिक नीति के बाद निवेशकों को निम्नलिखित शेयरों पर फोकस करना चाहिए-
प्राइवेट बैंक: HDFC बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, ICICI बैंक, सिटी यूनियन बैंक, AU स्मॉल फाइनेंस बैंक, उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक।
सरकारी बैंक (PSU): स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक।
एनबीएफसी: बजाज फाइनेंस, श्रीराम फाइनेंस, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट, SBI कार्ड्स।

इसके अलावा, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं, ऑटो, एविएशन, होटल, ई-कॉमर्स और प्रीमियम रिटेल जैसे सेक्टर भी बढ़ती लिक्विडिटी और उपभोक्ता मांग से लाभान्वित हो सकते हैं। सेंट्रिसिटी वेल्थटेक के विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि उच्च मूल्यांकन वाले माहौल में ICICI बैंक, बजाज फाइनेंस, वोल्टास, M&M, इंडियन होटल्स और इंटरग्लोब एविएशन जैसे शेयरों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

RBI के हालिया फैसले से ये संकेत मिलते हैं कि आने वाले महीनों में बाजार में लिक्विडिटी अच्छी होगी और ब्याज दरों में नरमी से क्रेडिट डिमांड में तेजी आ सकती है। ऐसे में निवेशकों चयनात्मक तरीके से मजबूत फंडामेंटल्स वाले स्टॉक्स में निवेश के मौके तलाशने चाहिए।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

RBI ने रेपो रेट में कितनी कटौती की है?

RBI ने रेपो रेट को 6.00% से घटाकर 5.50% कर दिया है, यानी 50 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती हुई है।

क्या CRR में भी बदलाव किया गया है?

हां, RBI ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) में 100 bps की कटौती की है, जिससे बैंकों की लिक्विडिटी बढ़ेगी।

इन फैसलों का फायदा किन सेक्टर्स को मिलेगा?

रियल एस्टेट, ऑटो, MSME, बैंकिंग, NBFC और उपभोक्ता खर्च से जुड़े सेक्टरों को सबसे ज्यादा फायदा होगा।

RBI ने अपने नीतिगत रुख (policy stance) में क्या बदलाव किया है?

मौद्रिक नीति समिति ने पॉलिसी स्टांस को 'अकोमोडेटिव' से बदलकर 'न्यूट्रल' कर दिया है।