(Share Market Update, Image Credit: IBC24 News Customize)
नई दिल्ली: Share Market Update गुरुवार, 29 मई 2025 को ग्लोबल मार्केट में मिले-जुले संकेतों के बीच घरेलू शेयर बाजारों ने सकारात्मक रूख के साथ कारोबार की शुरुआत की है। अमेरिका की एक संघीय अदालत द्वारा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रस्तावित टैरिफ योजना को अवैध ठहराए जाने से वैश्विक बाजारों में निवेशकों की धारणा मजबूत किया है। इसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखाई दिया है।
बीएसई सेंसेक्स ने 476 अंकों की छलांग लगाते हुए 81,791 अंक पर कारोबार शुरू किया, जो 0.59% की तेजी को दर्शाता है। इसी तरह, निफ्टी 50 भी 118 अंक चढ़कर 24,871 पर पहुंच गया। हालांकि दिन चढ़ने के साथ यह तेजी कुछ धीमी हो गई और सुबह 10 बजे तक सेंसेक्स 243 अंक ऊपर 81,556 पर था, जबकि निफ्टी 88 अंक बढ़कर 24,840 पर कारोबार कर रहा था।
सेंसेक्स में इन्फोसिस, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, सन फार्मा, टीसीएस और एचसीएल टेक जैसे आईटी व मेटल स्टॉक्स टॉप गेनर्स में रहे और इन शेयरों में करीब 2% की तेजी देखी गई। वहीं अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व और नेस्ले जैसे शेयरों में दबाव देखने को मिला। सेक्टरल स्तर पर, निफ्टी आईटी इंडेक्स में 1.25% और मेटल इंडेक्स में 0.7% की उछाल दर्ज देखी गई। दूसरी तरफ, निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज, FMCG और रियल्टी इंडेक्स में हल्की गिरावट आई है।
अवंती फीड्स के शेयरों में मार्च तिमाही के दमदार नतीजों के बाद लगभग 8% की बढ़त आई। कंपनी का समेकित शुद्ध लाभ 39.6% की वार्षिक वृद्धि के साथ 157 करोड़ रुपये रहा, जिससे निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है।
अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन की टैरिफ योजना को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि इसने अपनी संवैधानिक शक्तियों की सीमा लांघी है। हालांकि व्हाइट हाउस ने इस फैसले को चुनौती दी है, लेकिन इस कदम से वैश्विक जोखिम भावना में सुधार और बाजारों में स्थिरता आई है। इसके साथ ही, सुरक्षित निवेश विकल्प माने जाने वाले सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई, जबकि अमेरिकी डॉलर को मजबूती मिली। फेडरल रिजर्व की पिछली बैठक के मुताबिक, महंगाई को लेकर चिंता बनी हुई है और सितंबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना 60% तक अनुमान लगाया रहा है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।