Trump Tariffs: ट्रंप के टैरिफ ऐलान से दहला बाजार! क्या आपके शेयर भी है खतरे में?…
Trump Tariffs: ट्रंप के टैरिफ ऐलान से दहला बाजार! क्या आपके शेयर भी है खतरे में?...

(Trump Tariffs, Image Credit: ANI News File)
- ट्रंप के बयान से फार्मा सेक्टर में मची हलचल
- निफ्टी फार्मा इंडेक्स में 2.5% की गिरावट
- EBITDA में 12% तक की गिरावट की आशंका
Trump Tariffs: आज मंगलवार, 17 जून को भारतीय फार्मा कंपनियों के स्टॉक्स में भारी गिरावट देखी गई। शेयर बाजार में फार्मा सेक्टर में यह गिरावट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ बयान के चलते आई है। ट्रंप ने हाल ही में एयर फोर्स वन विमान में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि, फार्मा सेक्टर पर जल्द ही ‘अभूतपूर्व’ टैरिफ लगाए जाएंगे। इस खबर के आते ही निफ्टी फार्मा इंडेक्स 2.5% तक गिर गया।
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सबसे ज्यादा घाटे में ये कंपनियां
निफ्टी फार्मा इंडेक्स में ग्रैन्यूल्स इंडिया सबसे ज्यादा घाटे में रहा, जिसके शेयरों में 4% तक की गिरावट आई। इसके अलावा ल्यूपिन, ऑरोबिंडो फार्मा और नैटको फार्मा जैसे कई दिग्गज शेयरों में भी 3% तक की गिरावट दर्ज की गई। कुल मिलाकर निवेशकों के बीच चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि अमेरिका भारतीय जेनेरिक दवाओं का बड़ा आयातक है।
क्या है टैरिफ प्लान का असर?
डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल में इशारा किया था कि फार्मास्यूटिकल सेक्टर पर ऐसे टैरिफ लगाए जाएंगे जो पहले कभी नहीं देखे गए। यह टैरिफ ‘नेशनल सिक्योरिटी’ की धारा 232 के तहत जांच के बाद लागू किया जा सकता है। यह वह धारा है जिसका उपयोग अमेरिकी वाणिज्य विभाग करता है यह तय करने के लिए कि किसी वस्तु का आयात देश की सुरक्षा को प्रभावित करता है या नहीं।
विश्लेषकों का अनुमान
सिटी ग्रुप के विश्लेषकों का कहना है कि यदि इन टैरिफ का भार पूरी तरह से कंपनियों को उठाना पड़ा, तो अमेरिका में जेनेरिक दवा बनाने वाली भारतीय कंपनियों की ईबीआईटीडीए (EBITDA) यानी परिचालन लाभ में 9% से 12% की गिरावट देखी जा सकती है। फिलहाल, निफ्टी फार्मा इंडेक्स में साल दर साल 8% तक का नुकसान देखने को मिल चुका है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।