(Trump's New Statements, Image Credit: ANI News File)
Trump’s New Statements: ईरान-इजरायल विवाद पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘तेहरान के निवासियों को फौरन शहर छोड़ देना चाहिए।’ इस चेतावनी भरे बयान से भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिका के संभावित सैन्य हस्तक्षेप की अटकलें तेज हो गई है। साथ ही उन्होंने ईरान को परमाणु गतिविधियां तुरंत रोकने को कहा।
इन बयानों के बाद अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आ गई है। भारतीय समयानुसार सुबह 8:15 बजे ब्रेंट क्रूड 1.8% बढ़कर 74.51 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड 1.9% की तेजी के साथ $73.13 प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।
वहीं, तेल की बढ़ती कीमतों का असर भारतीय ऑयल कंपनियों पर मिला-जुला नजर आ रहा है। HPCL, BPCL, IOC कंपनियों के शेयरों में फिलहाल हल्की बढ़त देखी जा रही है, जबकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि कच्चे तेल के दाम बढ़ोतरी होने से इनकी लागत तो बढ़ेगी, किंतु वे इसका पूरा बोझ ग्राहकों पर नहीं डाल पाएंगी। इससे इनके मार्जिन पर दबाव बन सकता है। HPCL, BPCL और IOC के शेयरों में 0.67% से 1% की तेजी दिखी है। वहीं, दूसरी तरफ तेल उत्पादक कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। ONGC के शेयर 1.53% टूटकर 252.86 रुपये पर और ऑयल इंडिया 0.97% गिरकर 476.20 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं।
UBS ब्रोकरेज का मानना है कि OPEC देशों के पास पर्याप्त भंडार मौजूद है, जिससे कच्चे तेल के दाम सीमित दायरे में रहेंगे। दूसरी ओर, OMC कंपनियों के लिए चालू तिमाही के नतीजे बेहतर रहने की संभावना है।
JM Financial रिपोर्ट के मुताबिक, यदि ईरान ने हॉर्मुज जलडमरूमध्य को बंद किया जाता है, जहां से वैश्विक तेल सप्लाई का लगभग 20% गुजरता है तो कच्चे तेल की कीमतें $80 प्रति बैरल से ऊपर जा सकती हैं। हालांकि विशेषज्ञ मानना हैं कि इसकी संभावना बहुत ही कम है, क्योंकि इतिहास में ऐसे तनावपूर्ण हालात में भी इस जलमार्ग को कभी पूरी तरह बंद नहीं किया गया।
ट्रंप के कड़े बयानों ने वैश्विक बाजारों में नई बेचैनी ला दी है। आगामी दिनों में निवेशकों की नजरें भू-राजनीतिक घटनाओं और तेल की कीमतों की दिशा पर टिकी रहेंगी।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।