iPhone 17 Pro Max: 1.49 लाख में बिकने वाला iPhone 17 Pro Max बनता है सिर्फ इतनी लागत में, सच्चाई आपको चौंका देगी

Apple का iPhone दुनियाभर में प्रीमियम स्मार्टफोन के रूप में जाना पहचाना जाता है। हर साल कंपनी नया मॉडल लॉन्च करती है, जिसकी कीमतें अक्सर लोगों को चौंका देती है। बेहतरीन डिजाइन, फीचर्स और ब्रांड वैल्यू की वजह से iPhone को लग्जरी और स्टेट्स सिंबल माना जाता है।

iPhone 17 Pro Max: 1.49 लाख में बिकने वाला iPhone 17 Pro Max बनता है सिर्फ इतनी लागत में, सच्चाई आपको चौंका देगी

(iPhone 17 Pro Max,Image Credit: Apple)

Modified Date: October 5, 2025 / 05:39 pm IST
Published Date: October 5, 2025 5:39 pm IST
HIGHLIGHTS
  • Phone 17 Pro Max की लागत है सिर्फ ₹50,000 के आसपास, जबकि बिक्री मूल्य ₹1.49 लाख है।
  • अरबों डॉलर का रिसर्च और डेवलपमेंट खर्च कीमत में जुड़ता है।
  • ग्लोबल मार्केटिंग और ब्रांडिंग भी कीमत को ऊंचा करती है।

नई दिल्ली: iPhone 17 Pro Max: Apple का iPhone पूरी दुनिया में एक प्रीमयम स्मार्टफोन के रूप में जाना जाता है। हर साल कंपनी अपने नए iPhone मॉडल लॉन्च करती रहती है और उनकी कीमतें लोगों को हैरान कर देती है। हाल ही लॉन्च हुआ iPhone 17 Pro Max भारत में करीब 1.49 लाख रुपये में मिल रहा है। यह कीमत आम ग्राहक के लिए काफी अधिक माना जाता है।

क्या आपको पता है iPhone बनाने में कितना खर्च होता है?

तकनीकी रिपोर्ट्स और बाजार विश्लेषण बताते हैं कि किसी भी iPhone की मैन्युफैक्चरिंग लागत, उसकी बाजार कीमत से काफी कम होती है। iPhone 17 Pro Max के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले मुख्य पुर्जे जैसे:

  • बॉडी
  • डिस्प्ले
  • कैमरा यूनिट
  • चिपसेट (A18 प्रोसेसर)
  • बैटरी
  • अन्य हार्डवेयर कम्पोनेंट्स

इन सभी की कुल लागत लगभग 45,000 रुपये से 50,000 रुपये तक बैठती है।

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1.49 लाख का फोन, लागत करीब एक-तिहाई

जिस फोन की मार्केट प्राइस 1.49 लाख रुपये है, उसकी वास्तविक निर्माण लागत सिर्फ एक-तिहाई है। यानी आप जो कीमत चुका रहे हैं, उसमें से ज्यादातर हिस्सा हार्डवेयर नहीं, ब्रांड, सॉफ्टवेयर और मार्केटिंग पर जा रहा है।

कीमत ज्यादा होने के ये हैं प्रमुख कारण:

ब्रांड वैल्यू और लग्जरी इमेज

Apple खुद को एक प्रीमियम ब्रांड के रूप में प्रस्तुत करता है। कंपनी का फोकस सिर्फ स्मार्टफोन बेचने का नहीं, बल्कि एक लक्जरी अनुभव देने का होता है।

रिसर्च और डेवलपमेंट

हर नए iPhone मॉडल के पीछे अरबों डॉलर का R&D खर्च होता है। ये लागत भी प्रोडक्ट की कीमत में शामिल होती है।

हाई-एंड मार्केटिंग

Apple के ग्लोबल एड कैंपेन और ब्रांड प्रमोशन भी काफी महंगे होते हैं, जिससे कीमत में इजाफा होता है।

सॉफ्टवेयर और सिक्योरिटी

iPhone में मिलने वाला iOS सिस्टम, नियमित अपडेट्स, और सिक्योरिटी फीचर्स भी लागत को बढ़ाते हैं।

टैक्स और ड्यूटी

भारत जैसे देशों में iPhone पर लगने वाले इंपोर्ट टैक्स और कस्टम ड्यूटी भी कीमत को तीन गुना तक पहुंचा देते हैं।

कम लागत, ज्यादा मुनाफा

Apple की पूरी बिजनेस रणनीति इसी पर आधारित है, कम लागत में निर्माण और उच्च प्राइस टैग के साथ उसे एक प्रीमियम प्रोडक्ट के रूप में बेचना। यही वजह है कि iPhone को सिर्फ एक फोन नहीं, बल्कि स्टेटस सिंबल माना जाता है।

क्या आप हार्डवेयर के लिए पैसे दे रहे हैं?

वास्तव में, iPhone खरीदते समय आप केवल उसके हार्डवेयर नहीं, बल्कि:

  • ब्रांड की प्रतिष्ठा
  • सॉफ्टवेयर का अनुभव
  • सिक्योरिटी
  • एक्सक्लूसिव फीचर्स
  • और स्टेटस वैल्यू के लिए भी बड़ी रकम चुका रहे होते हैं।

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।