Ciggaratte Age Limit: सिगरेट के लिए तय होने जा रही हैं उम्र.. 18 नहीं अब 21 साल की उम्र होगी जरूरी, राज्य की सरकार ला रही हैं ये अहम बिल

Ciggaratte Age Limit: सिगरेट के लिए तय होने जा रही हैं उम्र.. 18 नहीं अब 21 साल की उम्र होगी जरूरी, राज्य की सरकार ला रही हैं ये अहम बिल

Ciggaratte Age Limit

Modified Date: February 22, 2024 / 07:49 am IST
Published Date: February 22, 2024 7:49 am IST

बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद विधेयक, 2024 पेश किया हैं जिसमें सिगरेट की बिक्री की आयु सीमा 18 साल से बढ़ाकर 21 साल कर दी गई हैं। सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद ( विज्ञापन पर प्रतिबंध और व्यापार और वाणिज्य, विनिर्माण, आपूर्ति और वितरण का विनियमन) (कर्नाटक संशोधन) विधेयक बुधवार को विधानसभा में पारित हो गया।

SP-Congress Alliance in UP: बन गई सपा-कांग्रेस में बात.. प्रियंका ने कराई राहुल-अखिलेश के बीच सुलह, जानें क्या रहे गठबंधन के नियम और शर्ते

राज्य में 21 साल से कम उम्र के लोगों को सिगरेट बेचने पर भी रोक है। सदन में इस बारे में बोलते हुए स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव ने चेतावनी दी कि अब से 21 साल से कम उम्र के लोगों को सिगरेट नहीं बेची जा सकेगी। सिगरेट बेचने के लिए पहले 18 साल की उम्र तय की गई थी, अब उम्र सीमा बढ़ाकर 21 साल कर दी गई है.” उन्होंने कहा, ”इसके अलावा स्कूलों के 100 मीटर के दायरे में सिगरेट नहीं बेची जा सकती। छोटे व्यापारी भी हैं जो किराना बेचते हैं वह भी सिगरेट की बिक्री नहीं कर सकेंगे।

 ⁠

स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि हमने किसी भी बार और रेस्तरां और अन्य स्थानों पर हुक्का बार पर प्रतिबंध लगा दिया है.” हुक्का बार का अनधिकृत संचालन दंडनीय होगा कम से कम एक साल की कैद और तीन साल तक की सजा और 50,000 रुपये से 1 लाख रुपये का जुर्माना भी होगा। उल्लंघन की सूचना मिलने पर जेल की सजा के साथ जुर्माना लगाने की भी संभावना है।”

Shani Uday 2024: अब मिलेगा कर्मों का फल, होने जा रहा शनि का उदय, इन राशियों के जातकों पर बरसेगी कृपा

इस बीच, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया बुधवार को कहा कि कोई देश तभी सुरक्षित है जब राज्य सुरक्षित हैं, उन्होंने कहा कि केंद्र को राज्यों को कमजोर करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, ”हमारे संविधान ने डिजाइन किया है कि हमारे पास एक संघीय व्यवस्था होगी। इसे पूरे देश ने स्वीकार किया है। लेकिन संघीय व्यवस्था को नष्ट नहीं किया जाना चाहि। नरेंद्र मोदी कहते हैं ‘सहकारी संघवाद’ लेकिन उनमें या केंद्र सरकार के व्यवहार में ऐसा नहीं दिखता है।”

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें


लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown