Congress Incharge News
लखनऊ: गत दिनों संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस सिर्फ तेलंगाना में ही बेहतर प्रदर्शन कर पाई। पार्टी को सबसे बड़ा झटका छत्तीसगढ़ और राजस्थान में लगा जहां से उनकी सरकार की विदाई हो गई। इसी तरह मध्यप्रदेश में वापसी का सपना संजोये कांग्रेस को शिवराज सिंह ने तगड़ा झटका दिया। इस तरह हिंदी पट्टी वाले राज्यों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ हो गया।
वही इस हार के बाद अब कांग्रेस के भीतर रार मचा हुआ है। बात छत्तीसगढ़ की ही करें तो अब तक पीसीसी आधे दर्जन नेताओं को नोटिस थमा चुका है। यहां हार चुके पूर्व विधायक और मंत्री खुद अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। इसी तरह की स्थिति राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी है जहां छोटे कार्यकर्ता बड़े नेताओं पर ही हार का ठीकरा फोड़ते दिखाई पड़ रहे है।
इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने फिर से अपने ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ बातें लिखी है। आचार्य प्रमोद ने हार के लिए राज्यों के कांग्रेस प्रभारियों को जिम्मेदार ठहराया है। आचार्य प्रमोद ने एक्स अकाउंट पर लिखा है कि ‘2019 की हार के बाद “कांग्रेस” की अध्यक्षता छोड़ कर राहुल गांधी ने जिन “आदर्श” मूल्यों को स्थापित किया, आज पार्टी के बड़े नेता उन सिद्धांतों की “धज्जियाँ” उड़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं, राज्यों के प्रभारी इस्तीफ़ा देने की बजाय हार की “समीक्षा” कर रहे हैं जबकि पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता जानता है कि “हार” की असली वजह यही प्रभारी हैं, जो PCC को ATM समझ रहे थे।
2019 की हार के बाद “कांग्रेस”
की अध्यक्षता छोड़ कर @RahulGandhi ने जिन “आदर्श”
मूल्यों को स्थापित किया, आज पार्टी के बड़े नेता उन सिद्धांतों की “धज्जियाँ”
उड़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं,राज्यों के प्रभारी इस्तीफ़ा देने की बजाय हार की “समीक्षा”
कर रहे हैं जबकि पार्टी का एक-एक…— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) December 13, 2023
बता दे कि पिछले कुछ समय से आचार्य प्रमोद कृष्णम पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। नतीजों के बाद वह लगातार कांग्रेस के ही कार्यशैली पर सवाल उठाते नजर आ रहे है। उनका मानना हैं कि पार्टी अपने सिद्धांतो को पीछे छोड़ चुकी है। आचार्य ने यहाँ भी कहा था कि मौजूदा कांग्रेस गांधी, नेहरू के विचारधार से अलग चल रही है और यही वजह है कि उन्हें लगातार हार का समाना करना पड़ रहा है।