Betul News: बारिश न होने से फसले सूखी, तो इंद्रदेव को मनाने ग्रामीणों ने अपनाया पुरखों का टोटका, जुड़ी है ये मान्यता
Betul News: बारिश न होने से फसले सूखी, तो इंद्रदेव को मनाने ग्रामीणों ने अपनाया पुरखों का टोटका, जुड़ी है ये मान्यता Did a trick to persuade Indradev
Did a trick to persuade Indradev
नंदकिशोर पवार, बैतूल
Did a trick to persuade Indradev बैतूल जिले में पिछले 20- 25 दिनों से बारिश अचानक ग़ायब हो गई है। बारिश नहीं होने से किसानों की खेतों में पक रही फसल सूखने लगी है। सूखती फसलों को देखकर घबराएं किसानों ने बारिश के लिए इंद्र देव को मनाने का पुस्तैनी तरीका अपना रहे है। बैतूल के असाडी गांव के मढ़ देव मंदिर में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। यहां इंद्रदेव को मनाने आदिवासी ग्रामीणों ने इंद्र की प्रतिमा को मिट्टी से लपेट कर ढक दिया है और इस प्रतिमा की परिक्रमा लगा कर इंद्र को मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस टोटके को लेकर आदिवासियों का मानना है की मिट्टी लपेटने की वजह से जब इंद्र देव को सांस लेने में तकलीफ होगी तो वे अपने ऊपर लपेटी गई मिट्टी को हटाने के लिए बारिश करेंगे जिससे उनके बदन पर लपेटी हुई मिट्टी बारिश के पानी से धूल जाए और वे आसानी से सांस ले सके। मान्यता के अनुसार ग्रामीण अपने हाथों से भगवान इंद्रदेव को मिटटी से लपेट देते है। बारिश ना होने से परेशान लोगों ने यहां अपने पुरखों से चली आ रही तरीका अपनाया है। मान्यता है कि रूठे इंद्रदेव को ही मिटटी में लपेट दिया जाये और जब उन्हें सांस लेने में दिक्कत होगी तो खुद-ब-खुद बारिश करेंगे, जिससे उनकी मिटटी धुल जायेगी। स्थानीय आदिवासी बताते है कि जब भी बारिश नहीं होती तो वे ऐसा ही करते है जिसके बाद बारिश हो जाती है।
पुरखों से यह टोटके अपना रहे
Did a trick to persuade Indradev असाड़ी के किसान बताते हैं कि पानी नहीं गिरने से फसले सूख जायेगी तो उनके परिवार का पेट कैसे भरेगा और पानी के बिना कैसे रहेंगे। इसलिए इंद्रदेव को मनाने के लिए वे पुरखों के बताए यही टोटकें को अपना रहे हैं। बैतूल आदिवासी बाहुल्य जिला है और यहां के लोग कृषि पर आश्रित है और यही कारण है कि बारिश समय पर नहीं होने से लोगों को फसले सूखने का डर सताने लगा है। जब बारिश नहीं होती है तो आदिवासियों के साथ आम लोग भी इस तरह की मान्यता में साथ देते है। किसान सरकार से भी फसलों के सूखने पर इस ओर ध्यान देने का आग्रह कर रहे है। फसल सूखने की स्थिति में किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो जाएंगी।

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