PM Modi on Vande Mataram: ‘यहां कोई नेतृत्व या विपक्ष नहीं’, वंदे मातरम गीत को लेकर PM मोदी ने कही बड़ी बात, बताया क्यों ये गीत बनाता है भारत को एकजुट…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में इस ऐतिहासिक गीत के महत्व पर विस्तृत वक्तव्य दिया।

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  • Publish Date - December 8, 2025 / 01:19 PM IST,
    Updated On - December 8, 2025 / 01:23 PM IST

pm modi on vande mataram/ image source: ANI X handle

HIGHLIGHTS
  • वंदे मातरम के 150 वर्ष पर चर्चा।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प लिया 2047 का।
  • वंदे मातरम ने देश को एकजुट किया।

PM Modi on Vande Mataram: नई दिल्ली: आज संसद के शीतकालीन सत्र का आठवां दिन है और इस अवसर पर विशेष रूप से चर्चा वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर केंद्रित रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में इस ऐतिहासिक गीत के महत्व पर विस्तृत वक्तव्य दिया।

वंदे मातरम को लेकर पीएम ने क्या कहा ?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वंदे मातरम एक ऐसा गीत है, जिसने पूरे राष्ट्र को एकजुट किया था और इस गीत के कारण हम सभी आज एकजुट होकर यहां हैं। उन्होंने कहा कि यह एक पवित्र अवसर है, जब हम सभी मिलकर वंदे मातरम के प्रति अपने कर्ज को स्वीकार करते हैं। यह गीत देश की स्वतंत्रता संग्राम की भावना को जीवित रखता है और इसने भारत को उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक एकजुट किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर राष्ट्र के निर्माण और समृद्धि के लिए एकजुट होकर काम करने की अपील की और कहा कि हमें 2047 तक आत्मनिर्भर और विकसित भारत बनाने का संकल्प दोहराना होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियों का स्मरण किया

PM Modi on Vande Mataram: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर कहा, “यहाँ कोई नेतृत्व या विपक्ष नहीं है। हम सभी वंदे मातरम के प्रति अपने कर्ज को सामूहिक रूप से स्वीकार करने और उसकी महत्ता को सराहने के लिए यहाँ हैं। यही गीत है जिसने हमें सभी को एक साथ जोड़ा। यह हम सभी के लिए एक पवित्र अवसर है कि हम वंदे मातरम के प्रति अपने ऋण को स्वीकार करें। इस गीत ने पूरे राष्ट्र को उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक एकजुट किया। अब समय आ गया है कि हम फिर से एकजुट हों और सभी के साथ मिलकर आगे बढ़ें। यह गीत हमें प्रेरित और उत्साहित करे ताकि हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा कर सकें। हमें अपने राष्ट्र को 2047 तक आत्मनिर्भर और विकसित बनाने के संकल्प को पुनः दोहराने की आवश्यकता है।”

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