आगरा दर्शन के लिए जाएं तो इन जगह की अवश्य करें सैर

आगरा दर्शन के लिए जाएं तो इन जगह की अवश्य करें सैर

  •  
  • Publish Date - April 10, 2019 / 11:44 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 03:48 PM IST

पर्यटन डेस्क।आगरा सिर्फ ताजमहल के लिए हि मशहूर नहीं है। यदि आप बतौर पर्यटक आगरा आते है तो याद रखिए कि, आगरा में कई ऐसी ऐतिहासिक जगह और भी हैं, जहां जाकर आप इतिहास के कुछ ऐसे किस्सो से रूबरू होंगे जिनको जानकर आप कहेंगे इन्हें नही देखा तो कुछ भी नहीं देखा।

एतमादुद दौला का मकबरा-आगरा की ख़ास जगहों में से एक यह मकबरा मुग़ल बादशाह जहांगीर की बेगम नूरजहां ने वर्ष 1622-1628 के बीच अपने माता-पिता एतमादुद दौला और अस्मत जहां की याद में बनवाया था।  इस मकबरे को देख कर लगता है कि जैसे यह ताजमहल से पूर्ववर्ती कोई रचना हो, इसी कारण इसे बेबी ताज भी कहा जाता है। एतमादुद दौला का मकबरा आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से करीब 10 किलोमीटर दूर है। 23 स्क्वायर मीटर में फैला यह मकबरा अत्यंत सुन्दर और भव्य है, जिसकी सुंदरता देखते ही बनती है।

 

फतेहपुर सीकरी- फतेहपुर सीकरी मुगल बादशाह मुहम्मद अकबर के दिल के  बहुत करीब थी। बता दें कि जब बादशाह अकबर की कोई संतान नही थी तब वह आगरा किले से पैदल फतेहपुर सीकरी सूफी संत सलीम चिश्ती के शरण में आए थे। उन्होंने बाबा सलीम चिश्ती से संतान सुख की प्राप्ति के लिए अर्जी लगाई। और उन्हे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। इसके बाद बादशाह अकबर ने आगरा की जगह फतेहपुर सीकरी को अपनी राजधानी बना ली थी। फतेहपुर सीकरी आज के वक्त में बहुत प्रसिद्ध जगह है। आगरा में एक कहावत है, कि आगरा आए और फतेहपुर सीकरी ना घूमें तो आगरा आने का मतलब ही क्या? फतेहपुर सीकरी आगरा से 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। फतेहपुर सीकरी में दुनिया का सबसे बडा दरवाजा बुलंद दरवाजा, बाबा सलीम चिश्ती की दरगाह, जोधाबाई का महल, और फतेहपुर सीकरी किला घूमने योग्य जगेह है। फतेहपुर सीकरी अपने आप में कलाकृतियों और सुंदरता से भरी एक ऐसी नगरी है जिसे देख आपका मन मंत्र मुग्ध हो वहीं बस जाने के लिए भी कहेगा।  

 

 सिकंदरा –एक बादशाह जिसने अपने मुगल साम्राज्य की मजबूती और विस्तार के लिए पूरी जिंदगी बिता दी, उसे अपने आखिरी समय में सिर्फ दो गज जमीन चाहिए थी। बादशाह अकबर का मकबरा, सिकंदरा जिसे अकबर के पुत्र जहांगीर ने वर्ष 1604-1613  के बीच बनवाया था। यह आगरा कैंट से करीब 14 किलोमीटर दूर स्थित है। इसकी सबसे ख़ास और खूबसूरत बात ये है, कि इस मकबरे की नीव खुद बादशाह अकबर ने रखी थी। जब आप यहां घूमने आएंगे आपको यहां की इमारतों में मुगल कालीन खूबसूरत नक्काशियां देखने मिलेंगी, साथ ही ऐसी कई अदभूत कलाकारी भी जिसमें से एक इमारत के अंदर आवाज लगाने से वह आवाज करीब 30 सेकंड तक वैसे ही गूंजती रहती है।

 

 आगरा लाल किला –यह किला  सन् 1573 में मुगल बादशाह अकबर ने बनवाया था। बाद में इसी किले की तर्ज पर शाहजहां ने दिल्ली का लाल किला बनवाया। यह किला भारत के सबसे बडे और सबसे खूबसूरत किलो में से एक है। इस किले के अंदर अंगूरी बाग, दिवान-ए-आम, दिवान-ए-खास, स्वर्ण मंडप, मीना मस्जिद, मोती मस्जिद, शीश महल, नौबत खाना, ज़हागीर महल, शाहजहा महल जैसे कई ऐतिहासिक जगह देखने मिलेंगी । यह किला आगरा रेलवेस्टेशन से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर है। इसी किले से सभी मुगल सासको ने अपने सम्राज्य को नियन्त्रित किया ।

 ताजमहल –ताजमहल विश्व के सात अजूबो में से एक यह मकबरा प्रेम का प्रतीक माना जाता है।  ताजमहल को मुगल शाशक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की मृत्यु हो जाने के बाद उनकी याद में बनवाया था। ताजमहल को पूरी तरह सफेद संगेमरमर से बनवाया गया। इस मकबरे को करीब 25 हजार से अधिक कारीगरों ने मिलकर बनाया था। जिनमें मुख्य कारीगर के रूप में उस्ताद अहमद लाहौरी थे। इस बेमिसाल इमारत को बनाने में करीब 22 साल लगे। जिसे देखने साल में करीब 9 से 10 मिलियन लोग