उप्र में एसआईआर के बाद मतदाता सूची से कटे दो करोड़ 89 लाख नाम, दोबारा मिलेगा मौका : अधिकारी

उप्र में एसआईआर के बाद मतदाता सूची से कटे दो करोड़ 89 लाख नाम, दोबारा मिलेगा मौका : अधिकारी

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  • Publish Date - December 28, 2025 / 10:38 PM IST,
    Updated On - December 28, 2025 / 10:38 PM IST

लखनऊ, 28 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में लगभग 12.55 करोड़ मतदाता निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू किये गये मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की 31 दिसंबर को संभावित मसौदा सूची में शामिल किये जाएंगे। जो मतदाता छूट गये हैं उन्हें नए साल से एसआईआर के अगले चरण में दोबारा शामिल होने का मौका दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश में चार नवंबर को शुरू हुई एसआईआर की कवायद में लगभग दो करोड़ 89 लाख मतदाताओं के नाम कटे हैं। उन्हें नाम शामिल कराने के लिये फार्म संख्या छह जमा करना होगा।

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इन 12 करोड़ 55 लाख 56 हजार मतदाताओं में से जो मसौदा सूची में शामिल हुए हैं, उनमें से एक करोड़ से अधिक ‘अनमैप्ड’ श्रेणी में हैं। ऐसे मतदाताओं को नोटिस भेजे जाएंगे ताकि वे निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित 12 दस्तावेजों की सूची में से किसी एक को जमा करें, ताकि उन्हें ‘मैप्ड’ श्रेणी में शामिल किया जा सके।

उत्तर प्रदेश में लगभग 52 दिन तक संचालित एसआईआर के पहले चरण की अवधि दो बार बढ़ाए जाने के बाद 26 दिसंबर को समाप्त हुई।

रिणवा ने बताया, ‘‘निर्वाचन आयोग एक जनवरी से अब एक महीने की प्रक्रिया शुरू करेगा। इस दौरान दो करोड़ 88 लाख 75 हजार नाम अलग-अलग कारणों से मतदाता सूची से हटा दिये गये हैं। जो लोग दोबारा नाम जुड़वाना चाहते हैं, वे फॉर्म संख्या छह भरकर दोबारा आवेदन कर सकते हैं।’’

उन्होंने कहा कि पूर्व में मतदाता सूची में कुल 15 करोड़ 44 लाख मतदाता थे। इनमें से दो करोड़ 88 लाख 75 हजार नाम हटाये गये हैं।

रिणवा ने बताया कि ज्यादातर नाम लखनऊ, गाजियाबाद, प्रयागराज और कानपुर जैसे बड़े शहरों में हटाए गए हैं। ज्यादातर ऐसे मतदाताओं के नाम हटाये गये हैं जिनकी या तो मृत्यु हो चुकी है या फिर जो स्थायी रूप से दूसरे स्थानों पर बस चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जिन मतदाताओं का पता नहीं चल पा रहा है, जो लापता हैं, जिनके नाम भी हटाई गई सूची में शामिल हैं, उन्हें मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाने के लिए 2003 की एसआईआर सूची या निर्वाचन आयोग द्वारा बताए गए किसी भी दस्तावेज को दिखाना होगा।’’

रिणवा ने कहा, ‘‘आगामी एक जनवरी से 31 जनवरी के बीच आयोग उन लगभग 12 करोड़ 55 लाख नामों पर भी आपत्तियां मांगेगा जो 31 दिसंबर को मसौदा सूची में शामिल होंगे और ये आपत्तियां फॉर्म संख्या सात भरकर दाखिल की जा सकती हैं।’

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने यह भी कहा कि लगभग आठ लाख लोगों ने बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के जरिए दिए गए फॉर्म वापस नहीं किए हैं। उनके नाम मसौदा सूची में शामिल नहीं किये गये हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें फॉर्म भरने के लिए मजबूर नहीं कर सकते।’’

देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची से लगभग दो करोड़ 89 लाख नाम हटाए जाने को लेकर विपक्ष खासकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने चिंता जताते हुए आरोप लगाया है कि इसे सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हिसाब से बनाया गया है। वहीं, भाजपा ने विपक्ष के आरोपों को ‘फर्जी’ और ‘घुसपैठियों’ को बचाने की कोशिश बताया है।

भाषा मनीष सलीम गोला

गोला