‘मिशन शक्ति’ केंद्रों के कारण बलात्कार के मामलों में 34 प्रतिशत की कमी: पुलिस आंकड़े

‘मिशन शक्ति’ केंद्रों के कारण बलात्कार के मामलों में 34 प्रतिशत की कमी: पुलिस आंकड़े

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  • Publish Date - December 19, 2025 / 10:43 PM IST,
    Updated On - December 19, 2025 / 10:43 PM IST

लखनऊ, 19 दिसंबर (भाषा) प्रदेश भर के पुलिस थानों में ‘मिशन शक्ति’ केंद्र स्थापित होने के बाद तीन महीनों में राज्य में बलात्कार के मामलों में लगभग 34 प्रतिशत तथा महिलाओं और लड़कियों के अपहरण की घटनाओं में लगभग 17 प्रतिशत की कमी आई है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण द्वारा अपराध के आंकड़ों की समीक्षा के दौरान यह जानकारी सामने आई।

पुलिस ने एक बयान में कहा कि पुलिस महानिदेशक ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ‘मिशन शक्ति’ केंद्रों के कामकाज की समीक्षा करते हुए, केंद्रों की स्थापना से तीन महीने पहले (16 जून से 15 सितंबर, 2025) और उनकी स्थापना के तीन महीने बाद (16 सितंबर से 15 दिसंबर, 2025) के महिलाओं से संबंधित अपराध आंकड़ों की तुलना की।

बयान के मुताबिक, समीक्षा में राज्य भर में बलात्कार के मामलों में 33.92 प्रतिशत की कमी देखी गई, जिसमें बाराबंकी जिले में सबसे अधिक 76.92 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। महिलाओं और लड़कियों के अपहरण के मामलों में 17.03 प्रतिशत की कमी आई, जिसमें अमेठी में सबसे अधिक 42.61 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।

बयान में कहा गया कि इसी तरह, दहेज हत्या के मामलों में 12.96 प्रतिशत की कमी आई, जिसमें बलरामपुर में 80 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई, जबकि घरेलू हिंसा के मामलों में 9.54 प्रतिशत की कमी आई।

‘मिशन शक्ति’ अक्टूबर 2020 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था। शुरू में, सभी पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क स्थापित किए गए थे। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर, सितंबर 2025 में इन्हें हर पुलिस थाने में ‘मिशन शक्ति’ केंद्रों में उन्नयन किया गया।

पुलिस ने कहा कि ‘मिशन शक्ति’ केंद्र महिलाओं के लिए ‘एकल सहायता बिंदु’ के रूप में काम करते हैं, जो शिकायत दर्ज करने से लेकर न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने तक मनोवैज्ञानिक, सामाजिक, कानूनी और संस्थागत सहायता प्रदान करते हैं।

भाषा जफर शफीक

शफीक