विधानसभा को ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा का अवसर मिलेगा: योगी आदित्यनाथ

विधानसभा को ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष चर्चा का अवसर मिलेगा: योगी आदित्यनाथ

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  • Publish Date - December 19, 2025 / 01:58 PM IST,
    Updated On - December 19, 2025 / 01:58 PM IST

लखनऊ, 19 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य की विधानसभा को राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक महत्वपूर्ण चर्चा करने और इसके रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर मिलेगा।

विधान भवन के प्रवेशद्वार पर मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज से 24 दिसंबर तक आयोजित होने वाला यह शीतकालीन सत्र सदस्यों के लिए अपने मुद्दे उठाने, उत्तर प्रदेश की जनता के हितों को आगे बढ़ाने और राज्य के विकास से जुड़े विषयों पर चर्चा के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।’’

योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सदन में विशेष चर्चा आयोजित की जाएगी और इसके रचयिता के प्रति आभार व्यक्त किया जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की स्थापना-तिथि और ‘वंदे मातरम्’ को संविधान के अनुसार मान्यता दिए जाने की अधिसूचना की तिथि एक ही है, ऐसे में इस विषय पर विधानमंडल में चर्चा अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विधानसभा में संभवतः कोई कार्यवाही नहीं होगी, क्योंकि एक विधायक के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया जाएगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि विधान परिषद में सदन के नेता इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि पार्टी का कोई सदस्य सदन के बाहर यह मुद्दा उठाता है, तो वहां भी इसका जवाब दिया जाएगा।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सत्र के दौरान जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी, राज्य के विकास से संबंधित विधायी कार्य आगे बढ़ाए जाएंगे और विभिन्न विभागों की अनुपूरक मांगों पर भी विचार किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह सभी विषयों पर चर्चा कराने के लिए पूरी तरह तैयार है और सत्र के सुचारू संचालन के लिए सभी दलों के सहयोग की अपेक्षा करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘देश का सबसे बड़ा विधानमंडल निरंतर सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। जब लोकतंत्र से जुड़े पवित्र स्थल विचार-विमर्श के केंद्र बनते हैं, तभी जनप्रतिनिधि जनविश्वास पर खरे उतरते हैं।’’

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की इच्छा सत्र को अधिक दिनों तक चलाने की थी, लेकिन अधिकांश जनप्रतिनिधियों के मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम में व्यस्त होने के कारण सत्र की अवधि 24 दिसंबर तक निर्धारित की गई है।

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यह सत्र उत्तर प्रदेश विधानमंडल और राज्य के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।

भाषा आनन्द

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