लखनऊ, 18 दिसंबर (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बृहस्पतिवार को एक महत्वपूर्ण उच्चस्तरीय बैठक में देश-विदेश की 25 प्रतिष्ठित कंपनियों से जुड़े 45 प्रतिनिधियों ने भेंट की। इस बैठक का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाओं, औद्योगिक वातावरण और भविष्य की विकास योजनाओं पर विस्तृत संवाद करना था।
राज्य सरकार द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, ‘डब्ल्यूएमजी ग्रुप’ के तत्वावधान में आए इस प्रतिनिधिमंडल में वित्त, ऑटोमोबाइल, बैंकिंग, बेवरेज और फार्मा सहित विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, निदेशक और शीर्ष प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
बयान के अनुसार, इस बैठक का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में निवेश की संभावनाओं, औद्योगिक वातावरण और भविष्य की विकास योजनाओं पर विस्तृत बातचीत करना था।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल उद्यमियों ने उत्तर प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना और विस्तार के लिए लगभग 6500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव पेश किये।
इन प्रस्तावों में विनिर्माण, अक्षय ऊर्जा, बायो रिफाइनरी, फार्मा, खाद्य प्रसंस्करण और सेवा क्षेत्र से संबंधित परियोजनाएं शामिल हैं, जिनसे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के साथ प्रदेश की आर्थिक गति को और मजबूती मिलने की संभावना है।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने सभी उद्योग प्रतिनिधियों का उत्तर प्रदेश में स्वागत करते हुए कहा कि बीते कई दशकों तक ‘‘राजनीतिक अस्थिरता और गलत धारणाओं’’ के कारण प्रदेश की छवि पूरे देश में नकारात्मक बनी रही।
उन्होंने कहा कि अब उन पुरानी धारणाओं को पीछे छोड़कर नए उत्तर प्रदेश को जानने और समझने की आवश्यकता है।
आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘पूंजी तभी सुरक्षित रह सकती है जब समाज और राज्य सुरक्षित हों। वर्ष 2017 से पहले की स्थिति यह थी कि हर तीसरे दिन दंगे होते थे, महीनों तक कर्फ्यू लगता था और लगभग 50 ऐसे जिले थे जहां सूर्यास्त के बाद बेटियों का सुरक्षित घर लौटना मुश्किल था। रंगदारी और गुंडा टैक्स जैसी अव्यवस्थाएं अघोषित प्रणाली का हिस्सा बन चुकी थीं।’’
उन्होंने कहा कि सरकार बनने के पहले दिन ही यह संकल्प लिया गया कि इस अराजकता को समाप्त करना है, परिणामस्वरूप आज लगभग नौ वर्षों में एक भी दंगा नहीं हुआ, एक दिन का भी कर्फ्यू नहीं लगा और प्रदेश माफिया मुक्त हुआ है।
भाषा सलीम शफीक
शफीक