उत्तर प्रदेश में दो साल में गंभीर अपराधों के 70 अपराधियों को मृत्युदंड सुनाया गया:पुलिस

उत्तर प्रदेश में दो साल में गंभीर अपराधों के 70 अपराधियों को मृत्युदंड सुनाया गया:पुलिस

उत्तर प्रदेश में दो साल में गंभीर अपराधों के 70 अपराधियों को मृत्युदंड सुनाया गया:पुलिस
Modified Date: August 15, 2025 / 06:22 pm IST
Published Date: August 15, 2025 6:22 pm IST

लखनऊ, 15 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि राज्य में पिछले दो सालों में गंभीर अपराधों के 8000 से ज़्यादा दोषियों को आजीवन कारावास और 70 को मौत की सज़ा सुनायी गयी है।

डीजीपी ने कहा, ‘‘ एक जुलाई, 2023 से अब तक एक लाख से ज़्यादा लोगों को दोषी ठहराया जा चुका है, जिनमें से 70 को मौत की सज़ा और 8,785 को आजीवन कारावास की सज़ा मिली है।’’

उन्होंने इन आंकड़ों को ‘‘अपराध के खिलाफ विभाग के संकल्प का प्रमाण’’ बताया।

 ⁠

अपने संबोधन में, उन्होंने अपराध और भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के प्रति उत्तर प्रदेश पुलिस की अटूट प्रतिबद्धता दोहरायी तथा तकनीक एवं समुदाय-उन्मुख पुलिस व्यवस्था पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया।

उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने और उनकी सुरक्षा के लिए शुरू किए गए कार्यक्रम ‘‘मिशन शक्ति’’ की सफलता पर प्रकाश डाला और कहा कि इसने उत्तर प्रदेश में महिलाओं को ‘‘सुरक्षित और अधिक सम्मानित’’ महसूस कराया है।

डीजीपी ने यह भी बताया कि 2017 से अब तक 34 कुख्यात माफिया और उनके 91 सहयोगियों को दोषी ठहराया जा चुका है, जिनमें से दो को मौत की सजा मिली है। उन्होंने दावा किया कि गैंगस्टर अधिनियम के तहत 144 अरब रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है।

उन्होंने इन आपराधिक नेटवर्कों को ध्वस्त करने का श्रेय यूपीएसटीएफ, एटीएस, एएनटीएफ और जिला पुलिस को दिया।

डीजीपी ने उत्तर प्रदेश पुलिस की दस प्रमुख प्राथमिकताओं को भी रेखांकित किया, जिनमें शून्य-सहिष्णुता की नीति के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता, महिलाओं को सशक्त और संरक्षित करने का मिशन और प्रत्येक नागरिक की शिकायत का संवेदनशीलता और शीघ्रता से समाधान करने का संकल्प शामिल है। उन्होंने कहा कि ये प्राथमिकताएं पुलिस बल को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ पुलिस बल बनने के लक्ष्य की ओर ले जाने वाले ‘‘पथ प्रदर्शक’’ के रूप में कार्य करती हैं।

उन्होंने कहा कि पुलिस न केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने का कार्य करती है, बल्कि नागरिकों के मन से भय को समाप्त कर उन्हें आत्मविश्वास और सुरक्षा का अनुभव कराती है।

डीजीपी ने कहा, ‘‘ अपराध पर नियंत्रण, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, सांप्रदायिक सद्भाव की रक्षा, साइबर अपराध पर अंकुश और आपात स्थितियों में त्वरित सहायता:ये सभी कार्य स्वतंत्रता के उन पहलुओं को मजबूती देते हैं, जो केवल संवैधानिक अधिकार नहीं, बल्कि नागरिक जीवन के मूलभूत आधार हैं।’’

कृष्णा ने कहा कि यह गर्व की बात है कि इस वर्ष, 17 पुलिस कार्मिकों को राष्ट्रपति का वीरता पदक, छह को विशिष्ट सेवा पदक और 72 को सराहनीय सेवा पदक प्रदान किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 763 पुलिस कर्मियों को अति उत्कृष्ट सेवा पदक, 486 को उत्कृष्ट सेवा पदक, 44 को उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिह्न, 203 को सराहनीय सेवा सम्मान चिह्न और 464 को पुलिस महानिदेशक का हीरक, स्वर्ण एवं रजत प्रशंसा चिह्न प्राप्त हुआ है।

उन्होंने कहा,‘‘ये अलंकरण केवल धातु के प्रतीक नहीं, बल्कि आपके त्याग और तपस्या के अमर प्रमाण हैं। इन सभी अलंकृत साथियों और उनके गौरवशाली परिजनों को मेरी ओर से हार्दिक बधाई और अभिनंदन।’’

उन्होंने कहा,‘‘हमने तकनीक को सिर्फ मशीनों की भाषा तक सीमित नहीं रखा। हमने उसे जीवन-रक्षक संवेदना में बदल दिया है। पुलिस मुख्यालय का सोशल मीडिया सेंटर देश में पहला है, जिसने सोशल मीडिया पर आत्महत्या संबंधी पोस्ट का तुरंत संज्ञान लेकर, जनपदीय पुलिस की त्वरित कार्रवाई के जरिए एक जनवरी 2023 से 12 अगस्त 2025 तक 1257 लोगों के प्राण बचाए हैं।’’

भाषा जफर पवनेश राजकुमार

राजकुमार


लेखक के बारे में