UP News: अखिलेश यादव ने की आजम खां से भेंट,कहा-उनका परिवार सबसे ज्यादा मुकदमे झेलने वाला राजनीतिक कुनबा

Akhilesh Yadav meets Azam Khan: उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के हाथों खां को ‘अभूतपूर्व उत्पीड़न’ का सामना करना पड़ा है। आजम खां के 23 सितंबर को जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है।

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  • Publish Date - October 8, 2025 / 11:46 PM IST,
    Updated On - October 8, 2025 / 11:59 PM IST

Akhilesh Yadav meets Azam Khan

HIGHLIGHTS
  • आजम खां के 23 सितंबर को जेल से जमानत पर रिहा
  • आजम खां के परिवार पर सबसे ज्यादा मुकदमे दर्ज
  • खां को सपा का मुस्लिम चेहरा माना जाता रहा

रामपुर: Akhilesh Yadav meets Azam Khan, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां से मुलाकात की और दावा किया कि उनके परिवार को जितना परेशान किया गया है उतना किसी दूसरे राजनीतिक परिवार को परेशान नहीं किया गया होगा। यादव ने खां से यहां उनके आवास पर मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के हाथों खां को ‘अभूतपूर्व उत्पीड़न’ का सामना करना पड़ा है। आजम खां के 23 सितंबर को जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद दोनों नेताओं की यह पहली मुलाकात है।

सपा प्रमुख विमान से लखनऊ से बरेली पहुंचे। उसके बाद हेलीकाप्टर से रामपुर रवाना हुए। उनका हेलीकॉप्टर मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय परिसर में उतरा, जहां खां ने उनकी अगवानी की उसके बाद खां उन्हें अपने घर ले गए।

मुलाकात के बाद यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं आजम खां साहब से मिलने आया हूं। मैं जेल में मिलने नहीं पहुंच पाया था। आजम खां बहुत पुराने नेता हैं। पुराने नेताओं और पुराने लोगों की बात ही कुछ और होती है। वह हमारी पार्टी के दरख्त हैं। उनकी जड़ें जितनी गहरी हैं उतना ही गहरा उनका साया भी हम लोगों के साथ हमेशा रहा है।’’

उन्होंने खां के परिवार को इंसाफ दिलाने की लड़ाई का इरादा जाहिर करते हुए कहा,‘‘यह बड़ी लड़ाई है। उसे हम सब लोग मिलकर लड़ेंगे। उनका (आजम खां) स्वास्थ्य अच्छा हो। उन्हें न्याय मिले।’’

आजम खां के परिवार पर सबसे ज्यादा मुकदमे दर्ज

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने कहा, ‘‘पता नहीं भारतीय जनता पार्टी कौन सा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाना चाहती है। आजम खां के परिवार पर सबसे ज्यादा मुकदमे दर्ज किये गये हैं। शायद ऐसा कोई दूसरा परिवार नहीं है जिस पर इतने ज्यादा गलत मुकदमे दर्ज किए गए हो।’’

सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘उनकी (खां की) पत्नी, बेटे तथा उनके परिवार के और जितने भी साथी रहे, उन सभी पर इस सरकार ने झूठे मुकदमे दर्ज कराए हैं । इतनी तकलीफ और परेशानी किसी को नहीं पहुंचाई गई होगी जितनी आजम खां और उनके परिवार को पहुंचाई गई है। भाजपा कोई वर्ल्ड रिकॉर्ड बना रही है।’’

इस सवाल पर कि खां नाराज हैं, यादव ने कोई साफ जवाब नहीं देते हुए कहा, ‘‘मैंने आपसे कहा कि पुराने लोग, पुराने समाजवादी जो नेताजी (सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव) के साथ रहे, उनकी बात ही अलग होती है। साल 2027 में सपा की सरकार बनने जा रही है और पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) की आवाज बुलंद होगी।’’

एक संवाददाता ने दोबारा सवाल पूछा कि आजम खां आपसे नाराज थे, इस पर खां ने कहा कि ‘‘यह आपसे किसने कहा’’।

यादव ने एक अन्य सवाल पर कहा,‘‘मैंने पहले भी कहा है और एक बार फिर कहता हूं कि सपा की सरकार बनने पर आजम खां पर जितने भी झूठे मुकदमे दर्ज हैं, वे सब वापस लिये जाएंगे।’’

सपा प्रमुख ने प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई के साथ हुई घटना का जिक्र करते हुए इसे पीडीए के उत्पीड़न से जोड़ा और कहा, ‘‘क्या कोई कल्पना कर सकता है कि उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश के ऊपर भी जूता फेंक दिया गया हो या फेंकने के लिए जूता निकाला गया हो। जो हुआ है उससे समाज में कहीं न कहीं एक संदेश जा रहा है कि पीडीए के लोग कहीं भी बैठे हों, वह जीवन में कभी न कभी अपमानित होते हैं।’’

खां को सपा का मुस्लिम चेहरा माना जाता रहा

खां को सपा का मुस्लिम चेहरा माना जाता रहा है। वह डकैती और चोरी समेत विभिन्न आरोपों के 100 से अधिक मुकदमों में सीतापुर जेल में बंद थे। लगभग 23 महीने के बाद वह 23 सितंबर को जमानत पर जेल से रिहा हुए थे।

इससे पहले, यादव को कार से रामपुर पहुंचना था लेकिन 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के बाद बरेली में तनाव के कारण उनका कार्यक्रम ऐन मौके पर बदल गया।

यात्रा से पहले खां ने मंगलवार को मीडिया को बताया था कि वह केवल सपा अध्यक्ष से ही मिलेंगे किसी और से नहीं।

रामपुर से सपा सांसद मौलाना मुहिबुल्लाह नदवी के बारे में पूछे जाने पर खां ने कहा था कि वह उन्हें नहीं जानते और उनसे नहीं मिलेंगे।

बुधवार शाम ‘पीटीआई वीडियो’ से बातचीत में आज़म खां ने कहा, ‘मेरी पत्नी इलाज के लिए दिल्ली में हैं। अब्दुल्ला भी अपने मामलों के सिलसिले में बाहर हैं। मैं घर पर अकेला था। यह पूरी तरह से मानवीय मुलाकात थी और इसका कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।’

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