अखिलेश ने उत्तर प्रदेश सरकार के पौधारोपण के आंकड़ों पर सवाल उठाए

अखिलेश ने उत्तर प्रदेश सरकार के पौधारोपण के आंकड़ों पर सवाल उठाए

अखिलेश ने उत्तर प्रदेश सरकार के पौधारोपण के आंकड़ों पर सवाल उठाए
Modified Date: July 9, 2025 / 04:26 pm IST
Published Date: July 9, 2025 4:26 pm IST

लखनऊ, नौ जुलाई (भाषा) समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार के वन महोत्सव अभियान के तहत इस साल 37 करोड़ पेड़ लगाने के दावे पर बुधवार को सवाल उठाते हुए इसे महज ‘‘दिखावा’’ बताया।

यहां पार्टी मुख्यालय में यादव ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार पिछले कई वर्षों में अब तक लगाए गए 200 करोड़ पेड़ों के आंकड़ों का हवाला तो देती है, लेकिन यह कभी स्पष्ट नहीं करती कि इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों के लिए जमीन कहां आवंटित की गई है।

उन्होंने पूछा, ‘‘इटावा में, हमने एक बार 1,000 एकड़ जमीन पर लगभग 1.3 लाख पेड़ लगाए थे। अगर यही अनुपात है तो 200 करोड़ पेड़ों के लिए जमीन कहां है?’’

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राज्य के अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ पर कटाक्ष करते हुए यादव ने कहा कि यह प्रयास वास्तविक से ज्यादा प्रतीकात्मक लगता है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस सरकार ने पौधारोपण को एक सतत पर्यावरणीय प्रयास के बजाय एक भावनात्मक आयोजन में बदल दिया है।’’

समाजवादी पार्टी के रिकॉर्ड का जिक्र करते हुए यादव ने लखनऊ के उदाहरण दिए जहां उनके कार्यकाल में लगाए गए पेड़ अब पूरी तरह से विकसित हो चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हजरतगंज से लेकर राज्यपाल आवास, लोहिया पथ और समता मूलक चौराहे तक, सपा सरकार के दौरान लगाए गए सभी पेड़ों पर अब पूरे साल अलग-अलग रंगों और प्रकार के फूल खिलते हैं।’’

यादव ने मौजूदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर बिना किसी नवाचार के सपा काल की नीतियों को दोहराने का आरोप लगाया।

उन्होंने दावा किया, ‘‘चाहे नहरों के किनारे पौधे हों या एक्सप्रेसवे, ये सभी पौधारोपण तब किए गए थे जब हम सत्ता में थे। वे केवल नकल और विज्ञापन कर रहे हैं, कुछ भी नया या प्रभावशाली नहीं कर रहे हैं।’’

यादव ने यह भी याद दिलाया कि सपा सरकार के दौरान, स्पष्ट रूप से प्रतिदिन 50,000 पौधे लगाने के लक्ष्य निर्धारित किए गए थे और व्यवस्थित वनरोपण सुनिश्चित करने के लिए हरित क्षेत्रों की उचित पहचान की गई थी।

यादव ने कहा, ‘‘यह सरकार कोई अच्छा काम नहीं कर रही है। वे बस पुराने विचारों को नया रूप दे रहे हैं।’’

भाषा किशोर जफर खारी

खारी


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