अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल किए जाने का स्वागत किया

अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल किए जाने का स्वागत किया

अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल किए जाने का स्वागत किया
Modified Date: August 7, 2023 / 11:25 am IST
Published Date: August 7, 2023 11:25 am IST

(फाइल फोटो के साथ)

लखनऊ, सात अगस्त (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल किए जाने का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि उम्मीद है कि सपा के पूर्व विधायक आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता भी जल्द बहाल कर दी जाएगी।

उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र में हिस्सा लेने के लिए जाते वक्त संवाददाताओं से बातचीत में अखिलेश ने राहुल की लोकसभा सदस्यता बहाल किए जाने से जुड़े सवाल पर कहा, “सबसे पहले तो उच्चतम न्यायालय को बधाई। उसके इस निर्णय से लोकतंत्र और न्यायालय पर भरोसा बढ़ा है। भाजपा का काम करने का तरीका यह है कि वह लोगों की सदस्यता छीन लेना चाहती है।”

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सपा प्रमुख ने कहा, “हमें उम्मीद है कि औरों की सदस्यता भी बहाल होगी। आजम खां, उनके बेटे और बहुत सारे लोगों की सदस्यता छीनी गई है।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने इटावा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रामशंकर कठेरिया की तरफ इशारा करते हुए कहा, “देखते हैं कि औरों की सदस्यता छीनी जाती है या नहीं।”

कठेरिया को सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने दो साल की जेल की सजा सुनाई है। उन पर 2011 में बिजली आपूर्ति कंपनी के एक कर्मचारी के साथ मारपीट करने का आरोप था।

किसी भी अपराध के लिए दो साल या उससे ज्यादा के कारावास की सजा पाने वाले निर्वाचित प्रतिनिधि को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत तत्काल अयोग्य घोषित करने का प्रावधान है।

इससे पहले, सपा अध्यक्ष ने एक ट्वीट में कहा, “भाजपा विपक्ष के सांसदों और विधायकों की सदस्यता छीनने का षड्यंत्र करते-करते अब ख़ुद इसका शिकार हो गई है। अब देखते हैं कि वह कितनी जल्दी अपने सांसद की सदस्यता समाप्त करती है और कितनी जल्दी अन्य की सदस्यता बहाल करती है। भाजपा की साजिश का अब पर्दाफाश हो गया है।”

अखिलेश ने संवाददाताओं से बातचीत में प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “आज जनता रो रही है। बिजली का संकट है। किसानों को पैदावार का सही मूल्य नहीं मिल रहा है। क्या सरकार उनकी मदद करने को तैयार है। एक भी नयी मंडी नहीं खुली। जो खुली वह भी बंद हो गई।”

भाषा

सलीम पारुल

पारुल


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