Mohammed Shami Roza Controversy: ‘मौलाना को किताबें पढ़ने की जरूरत…’ शहाबुद्दीन रजवी के बयान पर भड़के मोहम्मद शमी के भाई, सुना दी खरी-खोटी

Mohammed Shami Roza Controversy: भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी के रोजा ना रखने को लेकर बरेली के मौलाना ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

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  • Publish Date - March 7, 2025 / 11:37 AM IST,
    Updated On - March 7, 2025 / 11:58 AM IST

Mohammed Shami Roza Controversy | Source : IBC24

HIGHLIGHTS
  • मोहम्मद शमी के रोजा ना रखने को लेकर बरेली के मौलाना ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
  • मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी को इस्लाम का गुनहगार तक बता दिया।
  • मौलाना शहाबुद्दीन को अभी इस्लामी किताबें पढ़ने की और जरूरत है-मोहम्मद जैद

चौधरी शाहनवाज़/अमरोहा। Mohammed Shami Roza Controversy: भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी के रोजा ना रखने को लेकर बरेली के मौलाना ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी को इस्लाम का गुनहगार तक बता दिया। मौलाना की प्रतिक्रिया पर शमी के भाई मोहम्मद जैद ने बताया कि पाकिस्तान की टीम भी रोजा नहीं रखती फिर लोग उन पर सवाल क्यों नहीं खड़े करते? मौलाना शहाबुद्दीन को अभी इस्लामी किताबें पढ़ने की और जरूरत है।

मौलाना, शमी भाई के नाम से टीआरपी लेना चाहते हैं। मोहम्मद साबिक ने कहा कि पहले 2006 के क्रिकेट टूर्नामेंट में पाकिस्तान की टीम ने पानी पिया था और रोज नहीं रखा था तब किसी ने सवाल नहीं खड़ी किया श्री मोहम्मद शमी को ही लोग ट्रोल करते हैं।

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क्या है पूरा मामला?

दरअसल, बीते दिनों रमजान के दौरान मैच खेलते वक्त शमी का एनर्जी ड्रिंक पीते हुए वीडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद रमजान में रोजा ना रखने को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात (All India Muslim Jamaat) के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने शमी को ‘अपराधी’ कह दिया था। उन्होंने कहा था कि एक स्वस्थ व्यक्ति का जानबूझकर रोजा ना रखना, इस्लाम की नजर में गुनाह है। शमी को अल्लाह से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उनसे बड़ा अपराध हुआ है।

शहाबुद्दीन रजवी के बयान पर मुस्लिम धर्मगुरुओं की तीखी प्रतिक्रिया

शहाबुद्दीन रजवी के इस बयान पर कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव और शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने लखनऊ में शाहाबुद्दीन को लेकर कहा कि उनका यह बयान केवल सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए दिया गया है। रोजा रखना व्यक्तिगत आस्था का विषय है, इसे विवादित नहीं बनाया जाना चाहिए। मजहब जबरदस्ती का नहीं, आस्था और मर्जी का विषय है।

मोहम्मद शमी के रोजा ने रखने को लेकर कांग्रेस नेत्री का बयान

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को ‘मोटा’ कहने वाली कांग्रेस नेत्री शमा मोहम्मद का भी मोहम्मद शमी के रोजा न रखने पर बयान पर सामने आया है। हालांकि इस बार उन्होंने मोहम्मद शमी का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ‘इस्लाम में रमजान के दौरान एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात है। जब हम यात्रा कर रहे होते हैं, तो हमें रोजा रखने की जरूरत नहीं होती। मोहम्मद शमी यात्रा कर रहे हैं और वे अपने घर पर नहीं हैं। वे एक ऐसा खेल खेल रहे हैं, जिसमें उन्हें बहुत प्यास लग सकती है। कोई भी इस बात पर जोर नहीं देता कि जब आप कोई खेल खेल रहे हों, तो आपको रोजा रखना ही होगा। आपके काम ही बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस्लाम एक बहुत ही वैज्ञानिक धर्म है।’

1. मोहम्मद शमी रोजा क्यों नहीं रखते हैं?

मोहम्मद शमी के बारे में यह कहा गया था कि उन्होंने रमजान के दौरान मैच खेलते हुए एनर्जी ड्रिंक पिया था, जिससे यह सवाल उठे कि वे रोजा क्यों नहीं रख रहे हैं। शमी ने इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके निजी कारण हो सकते हैं।

2. मोहम्मद शमी के रोजा न रखने पर क्या विवाद हुआ था?

रमजान के दौरान शमी द्वारा रोजा न रखने को लेकर बरेली के उलेमा, खासकर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उन्होंने शमी को गुनहगार तक कह दिया था, जिस पर शमी के भाई और अन्य मुस्लिम धर्मगुरुओं ने प्रतिकिया दी।

3. मोहम्मद शमी के भाई ने क्या कहा था इस विवाद पर?

मोहम्मद शमी के भाई मोहम्मद जैद ने कहा था कि अगर पाकिस्तान की टीम भी रोजा नहीं रखती, तो उन पर सवाल क्यों नहीं उठाए जाते? उन्होंने मौलाना शहाबुद्दीन को इस्लामी किताबें पढ़ने की सलाह दी और कहा कि वह केवल टीआरपी हासिल करने के लिए ऐसा कर रहे हैं।

4. मोहम्मद शमी रोजा न रखने को लेकर कितनी आलोचना हुई है?

मोहम्मद शमी के रोजा न रखने पर कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। हालांकि, शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने इसे सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश बताया और कहा कि रोजा रखना एक व्यक्तिगत आस्था का विषय है।