बोधि यात्रा पांच देशों के साथ भारत के संबंधों को प्रगाढ़ बनाने का माध्यम: योगी आदित्यनाथ
बोधि यात्रा पांच देशों के साथ भारत के संबंधों को प्रगाढ़ बनाने का माध्यम: योगी आदित्यनाथ
लखनऊ, तीन जून (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि बोधि यात्रा पर्यटन को बढ़ावा देने का साधन मात्र नहीं है, बल्कि यह दक्षिण-पूर्व एशिया के पांच प्रमुख देशों के साथ भारत के सम्बन्धों को प्रगाढ़ बनाने का भी माध्यम है।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर बोधि यात्रा के अन्तर्गत मेकांग-गंगा सहयोग देशों के प्रतिनिधियों के साथ भेंट के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
एक सरकारी बयान के मुताबिक दक्षिण-पूर्व एशिया के पांच प्रमुख देश-कम्बोडिया, लाओस, वियतनाम, म्यांमा तथा थाईलैण्ड के प्रतिनिधि, बौद्ध भिक्षु, टूर ऑपरेटर्स तथा सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बोधि यात्रा के माध्यम से उत्तर प्रदेश आए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मेकांग-गंगा सहयोग की शुरुआत आज से 25 वर्ष पूर्व हुई थी। उन्होंने कहा कि आज का दिन अत्यन्त महत्वपूर्ण है, ये देश भगवान बुद्ध की परम्परा पर विश्वास करते हैं और उनके अनुयायी हैं।
ज्ञातव्य है भारत सरकार के विदेश मंत्रालय एवं उत्तर प्रदेश तथा बिहार के पर्यटन विभाग के सामूहिक प्रयास से मेकांग-गंगा सहयोग कार्ययोजना (2019-2024) के तहत दो से सात जून, 2025 तक राज्य में ‘बोधि यात्रा’ ‘फैम ट्रिप’ का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों के एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) के उत्पाद भेंट किए।
उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत तथा मेकांग-गंगा सहयोग के सदस्य देशों के बीच स्वास्थ्य, शिक्षा सहित सांस्कृतिक सम्बन्धों को प्रगाढ़ करेगी। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने दुनिया को अहिंसा, मैत्री और करुणा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भगवान बुद्ध के इन सभी संदेशों को व्यापकता तथा मजबूती प्रदान करने का माध्यम भी बनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया में भगवान बुद्ध से जुड़े जितने भी स्थल हैं, उनमें सर्वाधिक भारत में हैं। उन्होंने कहा कि भारत में भी भगवान बुद्ध से जुडे़ सर्वाधिक स्थल उत्तर प्रदेश में हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महात्मा बुद्ध से जुडे़ सारनाथ, कुशीनगर, कपिलवस्तु, श्रावस्ती, संकिसा, कौशाम्बी सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थल मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि देवदह, ललितपुर का देवगढ़, बरेली का अहिच्छत्र भी भगवान बुद्ध से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त होने के बाद अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया था।
मेकांग-गंगा सहयोग के सदस्यों ने कहा कि उन्हें भगवान बुद्ध की धरती उत्तर प्रदेश में आकर अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। सदस्यों ने कहा कि भारत बौद्ध धर्म का विख्यात केन्द्र है। सदस्यों ने कहा कि उनके देशों से अनेक लोग, जिनमें विद्यार्थी भी शामिल हैं, भारत आकर बौद्ध धर्म के सम्बन्ध में शोध करना चाहते हैं।
इस अवसर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, मेकांग-गंगा सहयोग देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
भाषा आनन्द अमित
अमित

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