हमीरपुर (हिप्र), तीन दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने बुधवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार राज्य के संसाधनों का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं की जासूसी करने के लिए कर रही है तथा लोकतांत्रिक व्यवस्था को दबाने के लिए उनके खिलाफ ‘झूठे मामले’ दर्ज कर रही है।
राणा ने यहां मीडियाकर्मियों से कहा कि राज्य का कर और अन्य संसाधन राज्य के हित में खर्च करने के बजाय ‘दोस्तों की खुशियों’ तथा उनकी पसंद पर खर्च किए जा रहे हैं। वह अप्रत्यक्ष तौर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दोस्तों की ओर इशारा कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले लोगों से बड़े-बड़े वादे किए और 10 गारंटी दी लेकिन जैसे ही सरकार बनी, उसने खजाना खाली होने का बहाना बनाकर लोगों में भ्रम फैलाना शुरू कर दिया।’’
राणा ने याद दिलाया कि सुक्खू ने पहले भी कहा था कि वे 97 प्रतिशत हिंदू बहुल राज्य में हिंदुत्व की विचारधारा को हराकर सत्ता में आए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का रवैया सनातन धर्म और उसके अनुयायियों के प्रति नकारात्मक है।
उन्होंने सुक्खू द्वारा बच्चों को ‘राधे-राधे’ कहकर अभिवादन न करने की सलाह देने का हालिया उदाहरण दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार ने अभूतपूर्व कर्ज लिया है लेकिन इसके बावजूद लोग विकास और बेहतर सुविधाओं से वंचित हैं। इस कर्ज के कारण आने वाली पीढ़ियों पर प्रति व्यक्ति लाखों रुपये का बोझ पड़ेगा।
राणा ने कहा कि सबसे चिंताजनक बात यह है कि राज्य सरकार में कथित भ्रष्टाचार को उजागर करना चाह रहे एक ईमानदार अधिकारी विमल नेगी को ‘सरकार के दबाव’ में आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
भाषा यासिर रंजन
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