उप्र के पहले एफईओए मामले में अदालत ने 128 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया
उप्र के पहले एफईओए मामले में अदालत ने 128 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया
लखनऊ, चार दिसंबर (भाषा) लखनऊ की एक विशेष अदालत ने निवेशकों से धोखाधड़ी के आरोपी उत्तर प्रदेश स्थित शाइन सिटी समूह और उसके भगोड़े प्रवर्तक राशिद नसीम के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई भगोड़ा आर्थिक अपराधी कार्यवाही के तहत बृहस्पतिवार को लगभग 128 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया।
अधिकारियों ने बताया कि अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए), 2018 के प्रावधानों के तहत यह आदेश जारी किया। उत्तर प्रदेश में एफईओए के तहत जब्ती का यह पहला मामला है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा धन शोधन निरोधक कानून के तहत पहले ही कुर्क की गई 127.98 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां जब्त की जाएंगी।
अदालत ने नसीम को अप्रैल में भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित किया था।
ईडी ने कहा, ‘‘एफईओए के तहत जब्त की गई संपत्ति अब केंद्र सरकार के अधीन है और इस प्रकार जब्त की गई संपत्ति की वसूली के माध्यम से पीड़ितों को मुआवजा देने का मार्ग प्रशस्त होता है।’’
अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले, ईडी ने पीड़ितों को उनकी संपत्ति लौटाने के लिए एक याचिका दायर की थी। शाइन सिटी समूह द्वारा कथित निवेश धोखाधड़ी के लगभग 6,500 पीड़ितों ने अपने दावे प्रस्तुत किए हैं।
हालांकि, शाइन सिटी समूह ने उच्चतम न्यायालय में एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करके कार्यवाही को चुनौती दी है।
एफईओए का उद्देश्य उन लोगों को न्याय के कटघरे में लाना है जो कम से कम 100 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के बाद कानून के शिकंजे से बचने के लिए भारत छोड़ गए हैं।
भाषा शफीक पवनेश
पवनेश

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