हमारे देश की संस्कृति में ही रचनात्मकता और सृजनशीलता : विनय सहस्त्रबुद्धे |

हमारे देश की संस्कृति में ही रचनात्मकता और सृजनशीलता : विनय सहस्त्रबुद्धे

हमारे देश की संस्कृति में ही रचनात्मकता और सृजनशीलता : विनय सहस्त्रबुद्धे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : October 1, 2022/7:49 pm IST

लखनऊ, एक अक्टूबर (भाषा) भारतीय सांस्‍कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के अध्‍यक्ष डाक्‍टर विनय सहस्‍त्रबुद्धे ने शनिवार को कहा कि हमारे देश की संस्‍कृति में ही रचनात्‍मकता एवं सृजनशीलता है, जिसमें समस्याओं को सुलझाकर आगे बढ़ने की एक आंतरिक ऊर्जा है।

सहस्रबुद्धे ने उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एंड रिसर्च (यूपीआईडीआर) द्वारा शनिवार को महात्मा गांधी की जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित ‘माई चरखा माई लाइफ खादी’ कार्यक्रम को बतौर मुख्‍य अतिथि संबोधित कर रहे थे ।

उन्होंने कहा, ”भारत ने विश्व को दिखा दिया है कि कैसे प्रकृति के सम्मान के साथ विकास कर सकते हैं।”

उन्‍होंने कहा कि ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रचनात्‍मक नेतृत्‍व का अनुपम उदाहरण प्रस्‍तुत किया जो उनकी दूरदर्शी सोच को दर्शाता है। उनके नेतृत्व को यूपीआईडीआर द्वारा दर्शाया जाना एक सराहनीय कदम है। इस कार्यक्रम में कार्यक्रम में मोदी@20 पुस्तक पर भी चर्चा हुई।’’

यूपीआईडीआर की अध्‍यक्ष क्षिप्रा शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ऐसे अनगिनत निर्णय लिए जिसने देश की दिशा व दशा दोनों ही बदल दी। शुक्‍ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा, ”उन्होंने (मोदी) हर हाथ को काम दिया, महिलाओं को स्वावलंबी बनाया, स्थानीय उत्पाद को वोकल करके उनको वैश्विक पहचान दिलाई। उनकी अंतरराष्ट्रीय नीतियों ने हर भारतवासी का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।”

भाषा आनन्द रंजन

रंजन

 

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