दारुल उलूम ने पहलगाम हमले के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की |

दारुल उलूम ने पहलगाम हमले के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की

दारुल उलूम ने पहलगाम हमले के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की

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Modified Date: April 25, 2025 / 12:54 PM IST
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Published Date: April 25, 2025 12:54 pm IST

सहारनपुर (उप्र), 25 अप्रैल (भाषा) सहारनपुर जिले के देवबंद स्थित दारुल उलूम के मोहतमिम (प्रबंधक) मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने पहलगाम में ‘‘जघन्य’’ आतंकवादी हमले को कायराना हरकत करार देते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को कायराना हरकत बताते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है। साथ ही उन्होंने इसे देश की एकता और अखंडता के लिये खतरा बताते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिक मारे गए। मृतकों में अधिकतर पर्यटक थे।

नोमानी ने कहा,”हमारी संवेदना पीड़ित परिवारों के साथ है और हम घायलों के जल्द स्वस्थ होने की दुआ करते हैं।” नोमानी ने कहा कि सरकार इस मामले को गंभीरता से लें और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।”

नोमानी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को मानवता के खिलाफ अपराध बताया और कहा कि जिस तरह से निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाया गया है, वह आतंकियों की बर्बरता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि दारूल उलूम पीड़ित लोगों के दुख में साझेदार है।

जमीयत उलेमा ए हिन्द के दोनों धड़ों ने भी आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुई घटना पर कहा कि बेगुनाह लोगों की हत्या करने वाले इंसान नहीं दरिंदे हैं।

उन्होंने कहा कि इस्लाम में आतंकवाद की कोई गुंजाइश नहीं है क्योंकि आतंकवाद इस्लाम की शान्ति प्रिय नीति के खिलाफ है।

जमीयत के दूसरे गुट के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने इस घटना को अमानवीय कृत्य बताया। उन्होंने कहा कि इस घटना को किसी धर्म से नहीं जोड़ा जा सकता और जो लोग इसे इस्लाम से जोड़ने की कोशिश कर रहे है वे इस्लाम की सच्ची शिक्षा से अनजान हैं।

दोनों गुटों के अध्यक्षों ने पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। इनका कहना है कि ऐसी घटनाओं का मकसद भय और साम्प्रदायिकता फैलाना है जिसे रोकने के लिये सबको एकजुट होना होगा।

भाषा सं आनन्‍द

मनीषा नरेश

नरेश

 

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