देवबंद के उलमा ने “टैटू” बनवाने के चलन को गैर-इस्लामी करार दिया
देवबंद के उलमा ने “टैटू” बनवाने के चलन को गैर-इस्लामी करार दिया
सहारनपुर (उप्र), 17 मई (भाषा) सहारनपुर जिले के देवबंद के जमीयत दावातुल मुसलिमीन के सरक्षंक ने ‘‘टैटू’’ बनवाने के चलन को गैर-इस्लामी करार दिया है और भविष्य में टैटू बनवाने की सोच रहे युवाओं से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और मार्गदर्शन के लिए अल्लाह से प्रार्थना करने का आग्रह किया है।
देवबंद के एक प्रमुख उलमा मौलाना कारी इसहाक गौरा ने शनिवार को एक वीडियो संदेश में मुस्लिम युवाओं में टैटू बनवाने के बढ़ते चलन पर चिंता व्यक्त की और कहा, ‘‘टैटू बनवाने का चलन इस्लामी शरीयत के खिलाफ है, इसे अल्लाह द्वारा बनाए गए स्वरूप में बदलाव के रूप में देखते हुए उन्होंने युवा मुसलमानों से इस कृत्य से तौबा करने की अपील की है।’’
गौरा ने कहा कि समकालीन समाज में, युवा लड़के और लड़कियां फैशन और संस्कृति के एक हिस्से के रूप में टैटू को तेजी से अपना रहे हैं। उन्होंने अपने संदेश में उन्होंने कहा, ‘‘समाज इसे बड़े पैमाने पर अपराध या अवांछनीय नहीं मानता है, बल्कि इसे ‘स्टेटस सिंबल’ के रूप में बढ़ावा देता है।’’
इस्लामी शिक्षाओं का हवाला देते हुए उन्होंने दोहराया, ‘‘इस्लाम में शरीर पर टैटू बनवाना हराम (निषिद्ध) माना जाता है।’’
मौलाना गौरा ने पहले से ही टैटू बनवा चुके लोगों को सलाह दी कि वे तुरंत अल्लाह से माफी मांग लें और अगर संभव हो तो टैटू हटा दें।
उन्होंने भविष्य में टैटू बनवाने पर विचार कर रहे युवाओं से भी अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और मार्गदर्शन के लिए अल्लाह से प्रार्थना करने का आग्रह किया।
भाषा सं आनन्द सुरभि
सुरभि

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