गांधी की विचारधारा से ही किया जा सकता है गोडसे की सोच का मुकाबला : कांग्रेस

गांधी की विचारधारा से ही किया जा सकता है गोडसे की सोच का मुकाबला : कांग्रेस

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  • Publish Date - September 19, 2021 / 02:24 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:45 PM IST

लखनऊ, 19 सितंबर (भाषा) कांग्रेस ने केंद्र की भाजपा सरकार पर लोकतंत्र के सभी स्तंभों को कमजोर बनाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि गोडसे की विचारधारा को गांधी जी के उसूल अपनाकर ही हराया जा सकता है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया एवं संचार विभाग के संयोजक ललन कुमार ने यहां मीडिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने लोकतंत्र के सभी स्तंभों को मजबूत करने के लिए हमेशा पूरी तत्परता से काम किया है लेकिन केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इसके ठीक उलट काम कर रही है।

उन्होंने कहा ‘लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश गोडसे की विचारधारा है, जिसका मुकाबला महात्मा गांधी की समावेशी और अहिंसा की विचारधारा से ही किया जा सकता है।’

उन्होंने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और कांग्रेस ने इसे मजबूत बनाने के लिए बुनियादी काम किए हैं। पत्रकारों को उनकी मेहनत और समर्पण का पूरा मेहनताना मिले, इसके लिए ज्यादातर वेज बोर्ड का गठन भी कांग्रेस की सरकारों में ही हुआ है। पत्रकारों के लिए वर्ष 2007 में जो मजीठिया वेतन बोर्ड का गठन हुआ वह भी कांग्रेस के ही शासन काल में हुआ था। मई 2007 में इस वेतन बोर्ड का गठन किया गया था और 11 नवंबर 2011 को इस बोर्ड की सिफारिशों को केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ही मंजूर किया था।

कुमार ने बताया ‘आज लगभग 12 वर्ष हो गए और वर्तमान समय में जिस तरह से महंगाई बढ़ी है और जीवन की अन्य जरूरतों में वृद्धि हुई है, ऐसे में पत्रकारों के लिए एक और वेतन बोर्ड गठित करने की आवश्यकता है। मुझे नहीं लगता कि जिस तरह से वर्तमान सरकार की कार्यप्रणाली है उसमें ऐसा कुछ हो सकेगा लेकिन मुझे इतना विश्वास है कि केंद्र में अगली बार जब कांग्रेस की सरकार आएगी तब वह हमेशा की तरह पत्रकारों के सरोकार पर ध्यान देगी और उन्हें उनका वाजिब हक दिलाएगी।’

‘ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ़ पीटीआई एम्पलाइज यूनियन’ की बैठक को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि पीटीआई ने हमेशा पत्रकारिता के मूल्यों को न केवल संरक्षित किया बल्कि उन्हें और समृद्ध भी किया है। जिन उद्देश्यों के साथ पीटीआई की स्थापना की गई थी उन्हें वह आज के मुश्किल समय में भी पूरी ईमानदारी और तत्परता से निभा रही है।

भाषा सलीम नेहा

नेहा