मेडिकल कॉलेजों में आरक्षित वर्ग के लिए 79 प्रतिशत से अधिक सीट सुरक्षित करने का आदेश रद्द

मेडिकल कॉलेजों में आरक्षित वर्ग के लिए 79 प्रतिशत से अधिक सीट सुरक्षित करने का आदेश रद्द

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  • Publish Date - August 31, 2025 / 12:34 PM IST,
    Updated On - August 31, 2025 / 12:34 PM IST

लखनऊ, 31 अगस्त (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने आंबेडकर नगर, कन्नौज, जालौन और सहारनपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आरक्षित वर्ग के लिए 79 प्रतिशत से अधिक सीट सुरक्षित करने के राज्य सरकार के आदेश को रद्द कर दिया है।

पीठ ने राज्य सरकार को 2006 के आरक्षण अधिनियम के अनुसार यह सुनिश्चित करते हुए सीट को नए सिरे से भरने का निर्देश दिया है कि आरक्षण की सीमा स्थापित 50 प्रतिशत से अधिक न हो।

न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की पीठ ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) अभ्यर्थी सबरा अहमद द्वारा दायर एक याचिका पर बृहस्पतिवार को यह फैसला दिया।

नीट-2025 में 523 अंक और अखिल भारतीय रैंक 29,061 प्राप्त करने वाली याचिकाकर्ता ने दलील दी कि 2010 और 2015 के बीच जारी किए गए कई सरकारी आदेशों ने आरक्षण की सीमा को गैरकानूनी रूप से बढ़ा दिया।

याचिका में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि इन कॉलेजों में राज्य सरकार के कोटे में 85-85 सीट हैं, लेकिन अनारक्षित वर्ग को केवल सात सीट आवंटित की जा रही हैं।

इसे उस दीर्घकालिक सिद्धांत का स्पष्ट उल्लंघन बताया गया कि आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए।

राज्य सरकार और चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक ने याचिका का विरोध किया और इंदिरा साहनी मामले का हवाला देते हुए तर्क दिया कि 50 प्रतिशत की सीमा पूर्ण नहीं है और इसे पार किया जा सकता है।

हालांकि, अदालत ने इस तर्क को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि आरक्षण सीमा में कोई भी वृद्धि उचित कानूनी प्रक्रियाओं और नियमों के अनुसार की जानी चाहिए।

भाषा सं आनन्द खारी

खारी