लखनऊ, 16 अक्टूबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सोमवार को केंद्र और राज्य सरकारों से उन योजनाओं से अवगत कराने को कहा, जिनके तहत मदरसों को अनुदान योजना के तहत लाया गया है।
पीठ ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) को निरीक्षण रिपोर्ट के साथ-साथ राज्य सरकार या मदरसों को किए गए अन्य उन संबंधित पत्राचार को रिकॉर्ड पर लाने के लिए भी समय दिया, जिनके आधार पर सरकारी खर्च पर मदरसों में धार्मिक शिक्षा प्रदान की जाती है।
न्यायमूर्ति ए. आर. मसूदी और न्यायमूर्ति ओ. पी. शुक्ला की पीठ ने सरकारी खजाने के धन से धार्मिक शिक्षा प्रदान करने के मामले में न्यायालय द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर दर्ज की गई जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया।
इससे पहले, उच्च न्यायालय ने एनसीपीसीआर की वकील स्वरूपमा चतुर्वेदी को सहायता प्राप्त या गैर सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों, जहां इस तरह का उल्लंघन देखा गया हो, से संबंधित कोई भी अन्य दस्तावेज दाखिल करने की भी छूट दी थी।
पीठ ने मामले में अदालत की सहायता के लिए वरिष्ठ वकील जे.एन. माथुर को नियुक्त किया और मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।
भाषा सं सलीम शफीक
शफीक
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उप्र : लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में अपराह्न एक…
40 mins agoउत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर पूर्वाह्न 11 बजे तक…
3 hours ago