आईआईटी-बीएचयू सामूहिक दुष्कर्म मामला: वाराणसी फास्ट ट्रैक अदालत ने एकमात्र चश्मदीद का बयान दर्ज किया
आईआईटी-बीएचयू सामूहिक दुष्कर्म मामला: वाराणसी फास्ट ट्रैक अदालत ने एकमात्र चश्मदीद का बयान दर्ज किया
वाराणसी, 31 जुलाई (भाषा) उत्तर प्रदेश के वाराणसी की एक ‘फास्ट ट्रैक’ अदालत ने बृहस्पतिवार को 2023 में आईआईटी-बीएचयू की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामले में एकमात्र गवाह का बयान दर्ज किया।
सरकारी वकील मनोज गुप्ता ने बताया कि मामले की पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने पीड़िता की सहेली और चश्मदीद गवाह को बयान दर्ज कराने के लिए समन जारी किया था।
गुप्ता ने बताया कि चश्मदीद गवाह ने अपना बयान दर्ज कराया, जो पीड़िता के बयान से मेल खाता है।
शिकायतकर्ता के अनुसार, वह एक नवंबर, 2023 को अपनी सहेली के साथ छात्रावास से बाहर गई थी और जब वे करमन बाबा मंदिर के पास थे, तभी मोटरसाइकिल सवार तीन लोग वहां आए और उसे उसकी सहेली से अलग करने के बाद जबरन एक कोने में ले गए, उसका मुंह बंद किया और कथित तौर पर उसके कपड़े उतार दिए।
शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपियों ने घटना का वीडियो बनाया और तस्वीरें भी खींचीं।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने लगभग 15 मिनट बाद उसे जाने दिया और उसका फोन नंबर ले लिया।
इस घटना के बाद, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सैकड़ों छात्रों ने परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था।
छात्रा की शिकायत के आधार पर लंका थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
पुलिस ने बताया कि इसके बाद सामूहिक दुष्कर्म का आरोप भी प्राथमिकी में जोड़ दिया गया।
इस मामले में 31 दिसंबर, 2023 को कुणाल पांडे, आनंद उर्फ अभिषेक चौहान और सक्षम पटेल को गिरफ्तार किया गया था।
भाषा सं जफर जितेंद्र
जितेंद्र

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