हर युग में अंत में सच ही जीतता है, असत्यमेव पराजयते : अखिलेश यादव

हर युग में अंत में सच ही जीतता है, असत्यमेव पराजयते : अखिलेश यादव

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  • Publish Date - April 28, 2024 / 01:11 PM IST,
    Updated On - April 28, 2024 / 01:11 PM IST

लखनऊ, 28 अप्रैल (भाषा) विपक्षी दलों के समूह ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के उत्तर प्रदेश में सबसे प्रमुख घटक समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को ‘असत्यमेव पराजयते’ का नया नारा देते हुए बिना नाम लिए सत्तारूढ़ दल पर निशाना साधा है।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्‍स’ पर एक प्रमुख समाचार समूह में प्रकाशित दूसरे चरण के मतदान से संबंधित कार्टून को साझा करते हुए पोस्ट कर कहा, ‘‘ झूठ बोलना दरअसल मूर्ख बनाने की मानसिक साजिश का शाब्दिक रूप होता है।’’

यादव ने कहा, ‘‘ झूठ खुदगर्जी का एक घिनौना रूप होता है। झूठ एक न एक दिन खुल ही जाता है। जब झूठ खुलता है तो वो सबसे ज्यादा अपमानित और पराजित होता है जिससे झूठ बोला गया है।’’

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ झूठ बोलने की आदत एक दिन उस स्तर पर पहुंच जाती है कि लोग अपनों से ही नहीं, अपने आप से भी झूठ बोलने लगते हैं जो उनके आपसी संबंधों और स्वयं के पतन का कारण बन जाता है।’’

सपा प्रमुख ने कहा, ‘‘ झूठ को अपनी बुनियाद बनाने वाले रेत को सीमेंट समझने की भूल कर बैठते हैं। इसी कारण जब वो झूठ पर अपनी इमारत बड़ी से बड़ी करते जाते हैं तो एक दिन वो महाझूठ का दुर्ग खुद के भार से ही ढह जाता है। इसीलिए हर युग में अंत में जीतता सच ही है। असत्यमेव पराजयते!’’

अखिलेश यादव अक्सर अपनी सभाओं में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दुनिया की सबसे बड़ी झूठी पार्टी करार देते हैं और इसके शीर्ष नेताओं पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हैं।

हाल ही में एक सभा में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कहने को तो भाजपा खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहती है लेकिन उसका काम और जो उसने सपने दिखाए थे अगर उन चीजों का आकलन करेंगे तो पाएंगे कि दुनिया की सबसे झूठी पार्टी अगर कोई है तो भाजपा ही है।’’

उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण में आठ सीट पर 26 अप्रैल को मतदान संपन्न हुआ जबकि इसके पहले 19 अप्रैल को भी आठ सीट पर मतदान हो चुका है। यादव ने दावा किया है कि पहले और दूसरे चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों ने भाजपा का सफाया कर दिया है।

भाषा आनन्द खारी

खारी