मेरठ (उप्र), 26 नवंबर (भाषा) मेरठ जिले में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेतृत्व में किसानों ने बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर अपनी मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित 12 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
भाकियू के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी की अगुवाई में कचहरी पहुंचे किसानों ने ज्ञापन में कहा कि गन्ने का समर्थन मूल्य भले ही आठ प्रतिशत बढ़ाया गया है, लेकिन ढुलाई भाड़े में 33.33 प्रतिशत की वृद्धि के कारण किसानों को वास्तविक मूल्य लगभग 388 रुपये प्रति क्विंटल ही मिल पा रहा है, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है।
किसानों ने ढुलाई भाड़े में की गई वृद्धि कम करने की मांग की। साथ ही अस्वीकृत किस्म के गन्ने का मूल्य बढ़ाने की भी मांग उठाई।
उन्होंने कहा कि पूर्व वर्षों में वृद्धि के साथ इन किस्मों का मूल्य भी पांच से 10 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ाया जाता रहा है, लेकिन इस वर्ष मूल्य यथावत रखे जाने से किसानों को हानि होगी।
किसानों ने बिजली विभाग की एकमुश्त समाधान योजना में ग्रामीण क्षेत्रों की आटा चक्की और तेल पेराई इकाइयों को शामिल करने की मांग भी की। उनका कहना था कि यह छोटे स्तर पर संचालित होने वाले ग्रामीण उद्योग हैं, जिन्हें योजना से बाहर रखना उचित नहीं है।
ज्ञापन में किसानों ने बुढ़ाना क्षेत्र में छात्र उज्ज्वल राणा की आत्महत्या का हवाला देते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में मिलों का भुगतान समय से नहीं हो रहा है, वहां के बच्चों को निजी स्कूलों में फीस में छूट दी जाए और किसी भी परिस्थिति में उनका नाम न काटा जाए। इसकी निगरानी जिलाधिकारी स्तर से कराई जाए।
किसानों ने सभी चीनी मिलों द्वारा गन्ना भुगतान समय पर कराने, इस वर्ष गन्ना उत्पादन में गिरावट को देखते हुए 50 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने और सहकारी समितियों की सात प्रतिशत ब्याज दर में चार प्रतिशत सब्सिडी को किसानों के खातों में तत्काल भेजने की मांग भी की।
किसानों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर समयबद्ध कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।
भाषा सं. सलीम खारी
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