BIJAPUR naxali encounter news/ image source: IBC24
Bijapur Naxali Encounter: रायपुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों को मुठभेड़ में बड़ी सफलता मिली है। पश्चिम बस्तर डिवीजन क्षेत्र के भैरमगढ़ इलाके में हुई मुठभेड़ में कुल 12 माओवादी कैडरों को ढेर कर दिया गया, जबकि तीन जवान घायल हुए। घायल जवानों को तत्काल रायपुर लाया गया, जहां उनका पचपेड़ी नाका स्थित निजी अस्पताल में इलाज जारी है। डॉक्टरों ने बताया कि जवानों को हाथ और पैर में गोली लगी थी, लेकिन उनकी स्थिति फिलहाल खतरे से बाहर है। इस मुठभेड़ को सुरक्षा बलों के लिए हाल के वर्षों का सबसे बड़ा एंटी-नक्सल ऑपरेशन माना जा रहा है।
बीजापुर जाएंगे गृहमंत्री विजय शर्मा https://t.co/MOu8qE6dwr
— IBC24 News (@IBC24News) December 4, 2025
इस बड़ी सफलता और शहीद जवानों की वीरता के सम्मान में गृहमंत्री विजय शर्मा बीजापुर जाएंगे। वह शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और शहीदों के परिवारों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना देंगे। गृहमंत्री के इस दौरे से शहीद जवानों के परिवारों को मनोबल मिलेगा और सुरक्षा बलों के प्रयासों की सराहना भी होगी।
रिपोर्ट के अनुसार, घायल जवानों को तुरंत रायपुर शिफ्ट किया गया, जहां उनका इलाज पचपेड़ी नाका स्थित एक निजी अस्पताल में जारी है। डॉक्टरों ने बताया कि जवानों को हाथ और पैर में गोली लगी थी, लेकिन उनकी स्थिति फिलहाल खतरे से बाहर है। समय पर उपचार मिलने की वजह से उनकी हालत स्थिर बनी हुई है।
Bijapur Naxali Encounter: मुठभेड़ स्थल से PLGA कंपनी क्रमांक 02 के कमांडर और कुख्यात माओवादी DVCM मोडियामी वेल्ला का शव भी बरामद हुआ है। वेल्ला पर छत्तीसगढ़ सरकार ने 8 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, वेल्ला कई बड़ी नक्सली वारदातों का मास्टरमाइंड रहा है और दहशत फैलाने वाली गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाता था। उसके मारे जाने को सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, क्योंकि इससे नक्सलियों के नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।
Bijapur Naxali Encounter: वहीं, मुठभेड़ के बाद मौके से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। बरामद हथियारों में LMG मशीन गन, AK-47 राइफलें, SLR राइफलें, INSAS राइफलें और .303 राइफल शामिल हैं। इन हथियारों की मौजूदगी से यह साफ होता है कि नक्सली बड़ी हमले की योजना बना रहे थे, लेकिन सुरक्षा बलों की सतर्कता की वजह से उनकी योजना धरी की धरी रह गई। अभी तक बाकी माओवादियों के शवों की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
सूत्रों के अनुसार, इलाके में अभी भी सर्च ऑपरेशन जारी है ताकि किसी अन्य नक्सली की तलाश की जा सके जो मुठभेड़ के दौरान भाग निकला हो।