कुशीनगर में 31 वर्षों बाद पहली बार मनाई जाएगी जन्माष्टमी

कुशीनगर में 31 वर्षों बाद पहली बार मनाई जाएगी जन्माष्टमी

कुशीनगर में 31 वर्षों बाद पहली बार मनाई जाएगी जन्माष्टमी
Modified Date: August 13, 2025 / 03:21 pm IST
Published Date: August 13, 2025 3:21 pm IST

कुशीनगर, 13 अगस्त (भाषा) जिले में 31 वर्षों के अंतराल के बाद इस वर्ष जन्माष्टमी का पर्व थानों में मनाया जाएगा। साल 1994 में एक मुठभेड़ में छह पुलिसकर्मियों की जान जाने की वजह से यह आयोजन स्थगित कर दिया गया था।

भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाने वाली जन्माष्टमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न थानों में परंपरागत रूप से श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जाती है।

हालांकि, कुशीनगर में यह परंपरा 30 अगस्त 1994 को कुबेरस्थान थाना क्षेत्र के पचरुखिया जंगल में डकैतों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद बंद कर दी गई थी।

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यह घटना उस समय हुई थी जब नवगठित पडरौना जिला (अब कुशीनगर) अपने पहले जन्माष्टमी उत्सव की तैयारी कर रहा था। इस घटना में छह पुलिसकर्मियों की जान चली गई।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस त्रासदी के बाद पुलिस विभाग ने इस त्योहार को नहीं मनाने का निर्णय लिया था और यह दिन जान गंवाने वाले पुलिस कर्मियों की याद में समर्पित कर दिया गया था। इसके चलते पिछले तीन दशकों से अधिक समय से जिले के किसी भी थाने में जन्माष्टमी का आयोजन नहीं किया गया।

हालांकि, इस वर्ष पुलिस अधीक्षक (एसपी) संतोष कुमार मिश्रा ने जिले के सभी थानों को जन्माष्टमी पर्व मनाने का निर्देश दिया है।

अधिकारियों ने बताया कि यह निर्णय जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ पुलिस बल के भीतर परंपरा और मनोबल को बहाल करने के उद्देश्य से लिया गया है।

भाषा सं जफर मनीषा नोमान

नोमान


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