देवी-देवताओं और धार्मिक ग्रंथों के अपमान की घटनाओं को रोकने के लिए पहले से ही कानून मौजूद : अदालत

देवी-देवताओं और धार्मिक ग्रंथों के अपमान की घटनाओं को रोकने के लिए पहले से ही कानून मौजूद : अदालत

देवी-देवताओं और धार्मिक ग्रंथों के अपमान की घटनाओं को रोकने के लिए पहले से ही कानून मौजूद : अदालत
Modified Date: December 8, 2025 / 09:38 pm IST
Published Date: December 8, 2025 9:38 pm IST

लखनऊ, आठ दिसंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कहा है कि हिंदू देवी-देवताओं और धार्मिक ग्रंथों के अपमान की घटनाओं को रोकने के लिए पहले से ही कानून मौजूद हैं लेकिन अगर याचिकाकर्ता और कड़े व प्रभावी कानून चाहता है तो वह केंद्र और राज्य सरकारों का रुख कर सकता है।

न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति इंद्रजीत शुक्ला की पीठ ने ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ द्वारा दायर जनहित याचिका का निपटारा करते हुए यह निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने तर्क दिया था कि हिंदू देवी-देवताओं और धार्मिक ग्रंथों के अपमान की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं।

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उन्होंने कहा कि इन घटनाओं को रोकने के लिए कोई प्रभावी कानून नहीं है।

याचिका पर सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने पाया कि याचिका में किसी विशिष्ट घटना का उल्लेख नहीं किया गया है, बल्कि केवल विभिन्न घटनाओं का उदाहरण दिया गया है और इसी आधार पर याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया है कि सरकारें ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएं।

न्यायालय ने याचिकाकर्ता से कहा कि यदि वह चाहे तो केन्द्र और राज्य सरकारों के समक्ष अर्जी देकर अपने विचार रखने के लिए स्वतंत्र है।

भाषा सं आनन्द शोभना

शोभना


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