लखनऊ, 28 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने फर्जी ‘किसान विकास पत्र’ प्रमाणपत्रों के जरिये किए गए बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले से संबंधित धनशोधन के आरोप में दो लोगों को दोषी ठहराया है। प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को यह जानकारी दी।
ईडी ने एक बयान में कहा कि विशाल शर्मा उर्फ शिवाश पाठक और नईम खान उर्फ आर. के. मिश्रा को शुक्रवार को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई।
ईडी ने कहा कि दोनों को 50,000 रुपये का सामूहिक जुर्माना देने के लिए भी कहा गया है। ईडी के अनुसार, शर्मा और खान के खिलाफ अप्रैल 2018 में आरोप पत्र दायर किया गया था और उन्होंने मुकदमे के दौरान ‘दोष स्वीकार कर लिया।’
वर्तमान मामला दो दोषी व्यक्तियों और दो अन्य के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दायर चार प्राथमिकी से उत्पन्न हुआ है।
भाषा सुरेश माधव
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