फर्जी IPS अधिकारी बनकर जौहरी को लगाया करोड़ों का चूना, उड़ान भरने से पहले पुलिस ने दबोचा
महाराष्ट्र कैडर का अधिकारी बनकर राजधानी लखनऊ के मोहन श्याम कल्याण दास ज्वेलर्स से करोड़ों रुपये के स्वर्ण आभूषणों की ठगी करने के आरोप में राजीव सिंह नामक शख्स को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने कथित रूप से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के महाराष्ट्र कैडर का अधिकारी बनकर राजधानी लखनऊ के मोहन श्याम कल्याण दास ज्वेलर्स से करोड़ों रुपये के स्वर्ण आभूषणों की ठगी करने के आरोप में राजीव सिंह नामक शख्स को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया।
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एसटीएफ मुख्यालय से जारी एक बयान अनुसार, शुक्रवार की शाम पौने पांच बजे राजधानी लखनऊ के अलीगंज थाना क्षेत्र के सेक्टर-पी के पास से अभियुक्त सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। बयान के मुताबिक, अलीगंज थाना क्षेत्र के सेक्टर-पी, डी-62 निवासी सिंह ने महाराष्ट्र कैडर का आईपीएस अधिकारी बनकर मोहन श्याम कल्याण दास ज्वेलर्स से करोड़ों रुपये के आभूषणों की ठगी की थी।
पुलिस टीम सिंह के कब्जे से 5.743 किलोग्राम वजन के 96 स्वर्ण आभूषण, 2500 रुपये नकद, दो मोबाइल फोन और मुंबई अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) का एक पहचान पत्र बरामद किया है।
एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आज मुखबिर के जरिये यह सूचना मिली थी कि महाराष्ट्र कैडर का आईपीएस बनकर जौहरी से करोड़ों रुपये के स्वर्ण आभूषणों की ठगी करने वाला आरोपी मुंबई भागने की फिराक में है, इसी सूचना पर एसटीएफ टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
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उन्होंने बताया कि पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि उसके पिता पुलिस विभाग में कार्यरत थे और सीतापुर जिले से 2014 में सेवानिवृत्त हुए थे। उनके मुताबिक, कुछ समय बाद सिंह ने खुद को महाराष्ट्र कैडर का आईपीएस बताना शुरू कर दिया और इस बीच वह राजधानी के महानगर स्थित गोल मार्केट में मोहन श्याम कल्याण दास ज्वेलर्स के यहां आने जाने लगा।
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पुलिस के अनुसार, इस प्रतिष्ठान के मालिक नितेश रस्तोगी से उसके प्रगाढ़ संबंध हो गये और इसके बाद जुलाई, 2020 में सिंह ने 67 लाख रुपये और दिसंबर, 2020 में 1.95 करोड़ रुपये के स्वर्ण आभूषण खरीदे जिसके एवज में उसने जौहरी को सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सात अलग-अलग धनराशि ( कुल तीन करोड़ 17 लाख रुपये) के भविष्य की तारीख के चेक दिए। पुलिस के मुताबिक, सिंह जौहरी को कोई न कोई बहाना बनाकर चेकों को बैंक में जमा कराने से मना करता रहा, जिसके कारण सभी चेकों की समय सीमा समाप्त हो गई।
उन्होंने बताया कि इसके बाद जब जौहरी ने पैसे मांगने शुरू किये तो वह आईपीएस का रौब दिखाकर धमकाने लगा। उनके मुताबिक, पुलिस ने सिंह की गिरफ्तारी से पहले ही महानगर थाने में धोखाधड़ी, दस्तावेजों में हेराफेरी समेत कई सुसंगत धाराओं में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था।

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