मुजफ्फरनगर दंगे: सुबूतों के अभाव में 11 आरोपी बरी

मुजफ्फरनगर दंगे: सुबूतों के अभाव में 11 आरोपी बरी

मुजफ्फरनगर दंगे: सुबूतों के अभाव में 11 आरोपी बरी
Modified Date: May 13, 2025 / 06:31 pm IST
Published Date: May 13, 2025 6:31 pm IST

मुजफ्फरनगर (उप्र), 13 मई (भाषा) मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने साल 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगों के एक मामले में 11 अभियुक्तों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

सरकारी वकील नरेंद्र शर्मा ने मंगलवार को बताया कि ‘फास्ट ट्रैक’ अदालत की न्यायाधीश नेहा गर्ग ने यह फैसला पिछली नौ मई को सुनाया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा।

शर्मा ने बताया कि मामले की तफ्तीश के लिए गठित किए गए विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 11 आरोपियों सुभाष, पपन, मनवीर, विनोद, प्रमोद, नरेंद्र, राम किशन, रामकुमार, मोहित, विजय और राजेंद्र के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 395 (डकैती) और 436 (घर को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ से उत्पात मचाना) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था।

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उन्होंने बताया कि फुगाना थाना क्षेत्र के अंतर्गत लिसाढ़ गांव निवासी उमरदीन की शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया था।

मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि मुजफ्फर नगर में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान आठ सितंबर 2013 को दंगाइयों की भीड़ ने उनके घर में घुसकर तोड़फोड़ की थी। साथ ही लाखों रुपये की नकदी और आभूषण लूटकर बाद में उनके घर में आग लगा दी थी।

उन्होंने बताया कि घटना के बाद उमरदीन और उनके परिवार के सदस्यों ने गांव छोड़कर शामली जिले के झिंझाना कस्बे में शरण ले ली थी।

साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में 60 से अधिक लोग मारे गए थे और हजारों लोग विस्थापित हुए थे।

भाषा सं सलीम संतोष

संतोष


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