भारत में अब चिकित्सा शिक्षा में सुविधाओं, आधारभूत ढांचे की कमी नहीं: जेपी नड्डा

भारत में अब चिकित्सा शिक्षा में सुविधाओं, आधारभूत ढांचे की कमी नहीं: जेपी नड्डा

भारत में अब चिकित्सा शिक्षा में सुविधाओं, आधारभूत ढांचे की कमी नहीं: जेपी नड्डा
Modified Date: December 20, 2025 / 06:07 pm IST
Published Date: December 20, 2025 6:07 pm IST

लखनऊ, 20 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने शनिवार को चिकित्सकों से अनुरोध किया कि वे अब सुविधाओं और आधारभूत ढांचे की कमी का बहाना बनाकर विदेश नहीं जाएं, क्योंकि हमारा विद्यार्थी अब सुविधाओं और आधारभूत ढांचा नहीं होने की शिकायत नहीं कर सकता।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने शनिवार को यहां किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के 21वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जिनको बाहर (विदेश) जाना है जाएं, लेकिन ये कहकर न जाएं कि हमारे पास सुविधाएं नहीं हैं, आधारभूत ढांचा नहीं है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि यहां संस्‍थान भी है, सुविधाएं भी हैं और आधारभूत ढांचा भी है, उसका उपयोग करिए।

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नड्डा ने केजीएमयू की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि इस देश में 20वीं शताब्दी के अंत तक सिर्फ एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (एम्‍स) था, जब मेधावी विदेश जाते थे और उनसे यह पूछा जाता कि वे लंदन क्यों जा रहे हैं, तो वे सुविधाओं के नहीं होने की शिकायत करते थे।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा, ‘‘आज गर्व के साथ कह सकता हूं कि जहां एक एम्स था, वहां प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में आज 23 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान हैं। इसलिए हमारा विद्यार्थी अब सुविधाओं और आधारभूत ढांचे के नहीं होने की शिकायत नहीं कर सकता है।’’

नड्डा ने दीक्षांत समारोह को स्वर्णिम अवसर करार देते हुए कहा कि इस तरह का समारोह खुशी का मौका होता है, खासतौर से विद्यार्थियों ने अपनी कड़ी मेहनत से जो मानवता की सेवा की है और चिकित्सा के क्षेत्र में जो स्थान बनाया है उसको प्रतिष्ठित करने का अवसर होता है।

उन्होंने विद्यार्थियों, संकाय सदस्यों और अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में बच्‍चों की परवरिश तपस्या के रूप में होती है और ऐसी सफलता मिलने पर विद्यार्थियों से ज्यादा खुशी उनके माता पिता को होती है।

नड्डा ने कहा, ‘‘केजीएमयू में काम करना अपने आप में सौभाग्य की बात है। आप लोगों ने अपने हुनर, मेहनत और प्रतिबद्धता के कारण वह कार्य किया है जिसे कहा जा सकता कि आपने असंभव को संभव कर दिखाया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मरीज को स्वस्थ बनाना कोई आसान काम नहीं है और आपके हाथों में जब कोई मरीज आता है तो वह जीवन की सुरक्षा और रक्षा की मांग लेकर आता है।’’

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने उपलब्धियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि आज कॉर्निया, लीवर, गुर्दा प्रतिरोपण में केजीएमयू ने जो स्थान बनाया, उसके लिए बधाई। उन्होंने कहा कि केजीएमयू का गौरवमयी इतिहास रहा है और दुनिया भर में उसकी साख है।

नड्डा ने जोर देकर कहा, ‘‘अगर मैं कहूं कि केजीएमयू ने सिर्फ देश की सेवा नहीं की है बल्कि दुनिया में मानवता की सेवा की है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। मुझे खुशी है कि महामहिम राज्यपाल की देखरेख और कुलपति के निर्देशन में विकास की दृष्टि से इसने एक लंबी छलांग लगाई है।’’

नड्डा ने नये चिकित्सकों से मानवता की सेवा को अपना मूल लक्ष्य बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश चिकित्सा अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में निरंतर सशक्त हो रहा है तथा आयुष्मान भारत विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसके माध्यम से करोड़ों लाभार्थियों को लाभ मिल रहा है।

उन्होंने डिजिटल विकास की दिशा में देश की प्रगति का उल्लेख करते हुए विद्यार्थियों से कहा कि उनकी शिक्षा में देश का योगदान निहित है इसलिए अब उनकी जिम्मेदारी है कि वे राष्ट्रसेवा के भाव से कार्य करें और चिकित्सा व चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में देश को और आगे ले जाएं।

प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा की पूर्णता तभी है, जब वह करुणा, संवेदना और सेवा भाव से जुड़कर मानवता के कल्याण का माध्यम बने।

उन्होंने कहा कि रोगी के प्रति सहानुभूति, समाज के प्रति उत्तरदायित्व और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य भाव ही एक चिकित्सक की वास्तविक पहचान है तथा चिकित्सक केवल औषधि नहीं देता, वह भरोसा व संबल देता है, जो किसी रोगी के जीवन की दिशा बदल सकता है।

केंद्रीय वित्त राज्‍य मंत्री व भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पंकज चौधरी, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और राज्य सरकार में मंकेश्‍वर शरण सिंह समेत कई प्रमुख लोग इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

भाषा आनन्द नेत्रपाल जितेंद्र

जितेंद्र


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