स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफकर्मी : मुख्‍यमंत्री |

स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफकर्मी : मुख्‍यमंत्री

स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफकर्मी : मुख्‍यमंत्री

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : August 10, 2022/8:02 pm IST

लखनऊ, 10 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ को ‘स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान इन स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों की उपयोगिता साबित हुई है।

मुख्‍यमंत्री ने यहां अपने सरकारी आवास पर स्वास्थ्य विभाग के 35 एएनएम प्रशिक्षण केन्द्रों के शैक्षणिक सत्र, हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर ओरल हेल्थ सेवा की शुरुआत की। इसके साथ ही हाथरस, चन्दौली तथा भदोही जिलों में निःशुल्क डायलिसिस केन्द्रों का बटन दबाकर लोकार्पण किया।

योगी ने इस अवसर पर कहा, ”नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ का काम करते हैं। इन कर्मचारियों की उपयोगिता इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोविड-19 के दौरान पता चली, जब एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं ने खुद के संक्रमित होने की चिंता किये बगैर घर-घर जाकर पूरी ईमानदारी व प्रतिबद्धता से लोगों की सेवा की।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे विशाल आबादी वाले राज्य में पिछले 33 वर्ष से प्रशिक्षण केन्द्रों में एएनएम के पाठ्यक्रम का कोई नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया था। उन्होंने बताया कि इस वजह से गरीब मेधावी बालिकाओं को निजी संस्थानों के भारी भरकम प्रवेश शुल्क के चलते दाखिले से वंचित होना पड़ता था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशिक्षित महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये एक साथ 35 सरकारी एएनएम प्रशिक्षण केन्द्रों को लैब, लाइब्रेरी एवं अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करके शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 1,700 से अधिक बालिकाओं के लिए दो वर्षीय एएनएम पाठ्यक्रम में प्रवेश की व्यवस्था की गयी है।

उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम’ के तहत हाथरस, चन्दौली तथा भदोही में नवीन डायलिसिस केन्द्रों का लोकार्पण किया गया है और इनकी स्थापना से प्रदेश में नि:शुल्‍क डायलिसिस की सुविधा देने वाले केन्‍द्रों की संख्‍या बढ़कर 68 हो गयी है।

उन्‍होंने कहा कि मुंह के कैंसर जैसे रोग में उपचार से ज्‍यादा महत्वपूर्ण बचाव होता है। ऐसे में हेल्थ एण्ड वेलनेस केन्‍द्रों पर ओरल कैंसर की स्क्रीनिंग की व्यवस्था शुरुआत में ही रोग को पहचानने में सहायक साबित होगी।

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इस मौके पर कहा कि वर्ष 1989 से एएनएम प्रशिक्षण केन्द्र बन्द थे और पिछली सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के निर्देशन में 33 वर्ष बाद एएनएम प्रशिक्षण केन्द्रों के शैक्षणिक सत्र को शुरू किया जा रहा है एवं सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे तथा पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या भी बढ़ायी जा रही है।

भाषा सलीम रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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