उप्र में जुलाई से ‘टेक-होम राशन’ के लिए ओटीपी व ‘फेस रिकग्निशन’ लागू होगा

उप्र में जुलाई से ‘टेक-होम राशन’ के लिए ओटीपी व ‘फेस रिकग्निशन’ लागू होगा

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Modified Date: June 19, 2025 / 05:41 PM IST
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Published Date: June 19, 2025 5:41 pm IST
उप्र में जुलाई से ‘टेक-होम राशन’ के लिए ओटीपी व ‘फेस रिकग्निशन’ लागू होगा

लखनऊ, 19 जून (भाषा) कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार ने पोषण ट्रैकर में ‘फेस रिकॉग्निशन सिस्टम’ (एफआरएस) को एकीकृत किया है, जिससे गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं, किशोरों और छह महीने से छह साल की उम्र तक के बच्चों को ‘टेक-होम राशन’ (टीएचआर) का लक्षित और पारदर्शी वितरण सुनिश्चित हो सके।

एक बयान अनुसार, एक जुलाई तक पूरे राज्य में 100 प्रतिशत एफआरएस कवरेज हासिल करने के निर्देश दिए गए हैं और इसके लिए राज्यव्यापी जागरूकता और पंजीकरण अभियान चलाया जाएगा।

बयान में कहा गया है कि पोषण ट्रैकर में एफआरएस दो-स्तरीय प्रमाणीकरण प्रणाली है, जिसमें चेहरे की पहचान और ‘वन टाइम पासवर्ड’ (ओटीपी) का उपयोग होता है।

इसमें कहा गया है कि लाभार्थी की फोटो को आधार से जुड़े ई-केवाईसी के साथ मिलाया जाता है और उनके पंजीकृत मोबाइल पर भेजा गया ओटीपी आंगनवाड़ी केंद्र पर सत्यापित किया जाता है। यह प्रणाली धोखाधड़ी रोकने और राशन वितरण में पारदर्शिता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

बयान के मुताबिक, उप्र में 2024 से शुरू हुई इस योजना में एफआरएस प्रणाली को जुलाई 2025 तक प्रदेश में शत-प्रतिशत लागू करने के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से दिये गये हैं।

एफआरएस का पायलट चरण अगस्त 2024 में कानपुर नगर के बिधनू और सरसौल प्रोजेक्ट्स में शुरू हुआ। 13 जून 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, 1.18 करोड़ पात्र लाभार्थियों के ई-केवाईसी का कार्य किया जा रहा है।

भाषा आनन्द नोमान

नोमान

 

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