Contract Employees Regularization Order High Court: संविदा कर्मचारियों की हो गई चांदी, अब तो हाईकोर्ट ने दिया नियमितीकरण का आदेश, एक साथ मिली उम्र भर की खुशियां
Contract Employees Regularization Order High Court: संविदा कर्मचारियों की हो गई चांदी, अब तो हाईकोर्ट ने दिया नियमितीकरण का आदेश, एक साथ मिली उम्र भर की खुशियां
Contract Employees Regularization Order High Court: संविदा कर्मचारियों की हो गई चांदी / Image Source: IBC 24 Customized
- संविदा कर्मचारियों को 4 माह में नियमित करने का आदेश
- कर्मचारियों की सेवा तीन माह में बहाल करने के निर्देश
- जीईएम पोर्टल के आधार पर समान वेतन की मांग को कोर्ट ने माना उचित
ग्रेटर नोएडा: Contract Employees Regularization Order High Court लंबे समय से नियमितीकरण का इंतजार कर रहे संविदा कर्मचारियों का मुद्दा अब देशव्यापी बन गया है। देश के कई राज्यों में संविदा कर्मचारियों नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां चरणबद्ध तरीके से संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जा रहा है। लेकिन इस बीच खबर आ रही है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने नियमितीकरण के लिए 4 महीने का समय दिया है।
Contract Employees Regularization Order High Court मिली जानकारी के अनुसार प्राधिकरण जलकल विभाग ने साल 2010 में दिनों 23 संविदा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था, जिसके बाद इन संविदा कर्मचारियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। शिकायतकर्ता सतीश कुमार ने बताया कि वर्ष 2010 में जलकल विभाग और अधिकारी मिलकर आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन, ईपीएफ, ईएसआई फंड में धांधली कर रहे थे।
इसको लेकर जलकल विभाग के 93 आउटसोर्सिंग संविदा पंप संचालकों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए भारत सरकार द्वारा बनाए गए जीईएम पोर्टल के माध्यम से नोएडा प्राधिकरण के जलकल विभाग के आउटसोर्सिंग संविदा पंप संचालकों के समान वेतन दिए जाने की मांग की थी।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास के प्रमुख सचिव को आदेश दिया कि वह कोर्ट की प्रमाणित प्रति प्राप्त होने के चार माह के भीतर याचिकाकर्ताओं की सेवाओं को उनके पद पर नियमित करने की प्रक्रिया पूरी करें। हाईकोर्ट ने 14 मई 2025 को यह भी आदेश दिया था कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा अवैध रूप से समाप्त किए गए विभिन्न विभागों के 23 आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवाएं तीन माह के भीतर बहाल की जाएं।

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