आरक्षण को खत्म करने का एक तरीका है निजीकरण : प्रियंका

आरक्षण को खत्म करने का एक तरीका है निजीकरण : प्रियंका

आरक्षण को खत्म करने का एक तरीका है निजीकरण : प्रियंका
Modified Date: November 29, 2022 / 08:55 pm IST
Published Date: December 29, 2021 5:44 pm IST

फिरोजाबाद (उत्तर प्रदेश), 29 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने देश की विभिन्न संस्थाओं और इकाइयों को निजी हाथों में देने को आरक्षण खत्म करने का हथकंडा करार देते हुए बुधवार को कहा कि इससे देश का भला नहीं हो सकता।

प्रियंका ने फिरोजाबाद में ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ शक्ति संवाद के दौरान कहा, ‘जितनी बड़ी-बड़ी संस्थाएं हैं, वह सब प्रधानमंत्री के मित्रों को बेच दी गई हैं। इसका मतलब समझिये। आज आपको सरकारी संस्थानों में आरक्षण मिलता है। जब प्राइवेट नौकरी मिलेगी तो क्या आपको आरक्षण मिलेगा? यह आरक्षण को भी खत्म करने का एक तरीका है।’

उन्होंने कहा कि इसमें देश की भलाई नहीं है क्योंकि सबसे ज्यादा रोजगार इन्हीं संस्थाओं से आते हैं।

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कांग्रेस महासचिव ने कहा ”लड़की हूं, लड़ सकती हूं कोई खोखला नारा नहीं है। यह सिर्फ वोट हासिल करने का नारा नहीं है। यह नारा है आपको सशक्त करने का, ताकि आप अपनी शक्ति पहचानें। इस चुनाव में अगर आप कांग्रेस पार्टी को सशक्त करेंगे तो आप देखेंगे कि महिलाएं सशक्त होंगी।’

महिलाओं को अपनी शक्ति पहचानने की हिदायत देते हुए प्रियंका ने कहा कि देश के हर घर में महिलाएं हैं। अगर वे एकजुट हो जाएं और मन बना लें कि वह अपने देश को बदलेंगी और अपनी राजनीति को भी बदलेंगी तो निश्चित रूप से बड़ा बदलाव आएगा।

संवाद के दौरान एक छात्रा द्वारा संसद तथा विधानसभाओं में महिलाओं के आरक्षण को लेकर एक पूछे गए सवाल पर प्रियंका ने कहा, ‘जब से हमने लड़कियों का मुद्दा उठाया है तब से दूसरी पार्टियां भी अचानक जाग गई हैं। अचानक अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार सिर्फ महिलाओं की रैली की। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घोषणा की। यह क्यों हो रहा है… क्योंकि लोग समझने लगे हैं कि महिलाओं की बहुत बड़ी शक्ति है जिसे नकारा नहीं जा सकता। अगर हम उत्तर प्रदेश में क्रांति लाएंगे तो मैं दावा कर सकती हूं कि संसद भी इसे (महिला आरक्षण) नकार नहीं पाएगी।’

प्रियंका ने केंद्र सरकार की बहु प्रचारित उज्ज्वला योजना के जरिए सत्तारूढ़ भाजपा पर हमला करते हुए कहा ‘यह सरकार महिलाओं के हक को नकारती है। सरकार की मानसिकता यही है कि उसने आपको एक गैस सिलेंडर पकड़ा दिया और उसके साथ ही अपनी सारी जिम्मेदारी को समाप्त मान लिया। आप दूसरा सिलेंडर कैसे खरीदेंगी, वह पूछा तक नहीं। वह सोचते हैं कि सिर्फ एक गैस सिलेडर देने से आप सब उनको वोट देंगी। मानसिकता यही है कि महिलाओं को नकारा जा सकता है।’

उन्होंने कहा ‘कांग्रेस पार्टी की मानसिकता अलग है। हम चाहते हैं कि आप आगे बढ़ें। हमने एक घोषणापत्र बनाया है जिसमें हमने लिखा है कि हम आपके लिए क्या करना चाहते हैं। हम हर जगह महिलाओं के लिए एक अलग व्यवस्था बनाना चाहते हैं ताकि हर जगह महिलाओं को बेहतर तरीके से सुना जा सके।’

भाषा सलीम रंजन

रंजन


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com