RSS को लेकर प्रोफेसर ने पूछ लिया ऐसा सवाल, विश्वविद्यालय ने ले लिया ये बड़ा एक्शन, अब नहीं कर पाएंगे ये काम
RSS को लेकर प्रोफेसर ने पूछ लिया ऐसा सवाल, विश्वविद्यालय ने ले लिया ये बड़ा एक्शन, Professor asked such a question regarding RSS, University took this big action
Khargone News. Image Source: IBC24
- प्रो. सीमा पंवार को आरएसएस पर आपत्तिजनक सवाल पूछने के लिए आजीवन प्रतिबंधित किया गया।
- एबीवीपी के विरोध प्रदर्शन के बाद चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने यह कार्रवाई की।
- प्रो. पंवार ने माफी मांगी, लेकिन विश्वविद्यालय ने उन्हें परीक्षा और मूल्यांकन कार्य से प्रतिबंधित कर दिया।
मेरठ (उप्र ) : चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की राजनीति विज्ञान के द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर आपत्तिजनक प्रश्न पूछे जाने पर हुए विवाद के बाद प्रश्नपत्र बनाने वाली प्रो. सीमा पंवार को माफी मांगने के बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें परीक्षा और मूल्यांकन कार्य से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मेरठ कॉलेज की प्रोफेसर सीमा पंवार पर ‘आजीवन प्रतिबंध’ लगाने का आदेश राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के विरोध प्रदर्शन के कुछ घंटों बाद आया।
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यह विवाद तब पैदा हुआ जब दो अप्रैल को आयोजित दूसरे सेमेस्टर की राजनीति विज्ञान की परीक्षा में एक सवाल में कथित तौर पर आरएसएस को धार्मिक और जाति आधारित राजनीति के उदय से जोड़ा गया था। एक सवाल में नक्सलियों, जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और अन्य समूहों के साथ संगठन का नाम भी शामिल था। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जांच के बाद पंवार की पहचान प्रश्नपत्र तैयार करने वाले के रूप में हुई और उन्हें विश्वविद्यालय में सभी परीक्षाओं और मूल्यांकन कार्यों से आजीवन वंचित कर दिया गया है।’ पंवार ने लिखित माफ़ी मांगी है, जिसमें दावा किया गया है कि उनका किसी को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था।
वर्मा ने कहा, ‘उन्होंने लिखित में माफी मांगी है कि उन्होंने जानबूझकर किसी को ठेस पहुंचाने के लिए ऐसा नहीं किया।’ इस तरह के संदर्भ में आरएसएस का नाम शामिल किए जाने से एबीवीपी के सदस्यों में आक्रोश फैल गया, जिन्होंने शुक्रवार को परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और रजिस्ट्रार को एक ज्ञापन सौंपा।

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