स्मृति ईरानी ने अमेठी के 25 हजार से अधिक अवारा पशुओं को आश्रय स्थल में भेजने के लिए अधिकारियों को पत्र लिखा |

स्मृति ईरानी ने अमेठी के 25 हजार से अधिक अवारा पशुओं को आश्रय स्थल में भेजने के लिए अधिकारियों को पत्र लिखा

स्मृति ईरानी ने अमेठी के 25 हजार से अधिक अवारा पशुओं को आश्रय स्थल में भेजने के लिए अधिकारियों को पत्र लिखा

:   Modified Date:  February 3, 2023 / 05:14 PM IST, Published Date : February 3, 2023/5:14 pm IST

अमेठी (उप्र) तीन फरवरी (भाषा) केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास, अल्‍पसंख्‍यक कल्‍याण मंत्री स्‍मृति ईरानी ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अमेठी के अंतर्गत आने वाले पांचों विधानसभा क्षेत्रों के 25 हजार से अधिक आवारा पशुओं को आश्रय स्थल में भेजने के लिए अमेठी व रायबरेली के जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है।

केंद्रीय मंत्री के प्रतिनिधि विजय गुप्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अमेठी संसदीय क्षेत्र में गौरीगंज, अमेठी, तिलोई व जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र अमेठी जिले में है, जबकि सलोन विधानसभा क्षेत्र रायबरेली में है। स्‍मृति ईरानी ने दोनों जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि उनके क्षेत्र में आवारा पशुओं की संख्या 25,397 है जो किसानों की फसलों को नष्ट कर रहे हैं। उन्होंने ब्लाक व गांव वार अवारा पशुओं का पूरा विवरण भी भेजा है।

विजय गुप्ता ने बताया कि सांसद स्मृति ईरानी की ओर से किसानों की समस्या को देखते हुए गौरीगंज, अमेठी, तिलोई, जगदीशपुर व सलोन विधानसभा क्षेत्र के सभी विकास खंडों के एक-एक गांव में टीम भेजकर छुट्टा पशुओं का आंकड़ा जुटाया गया, जो पशु आश्रय स्थल में रहने के बजाय बाहर हैं और किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि स्मृति ईरानी अपने संसदीय क्षेत्र के किसानों को अवारा पशुओं से हो रही परेशानी को लेकर फिक्रमंद हैं। इसके लिए वह पहले भी कई बार जिला प्रशासन को छुट्टा पशुओं को आश्रय स्थल में भेजने की बात कह चुकी हैं, लेकिन इस बार उन्होंने गांव-गांव अपनी टीम भेजकर छुट्टा पशुओं का पूरा खाका तैयार करवाया है।

गुप्ता ने बताया कि अमेठी विधान सभा क्षेत्र के गांवों में 7065, गौरीगंज में 1509, जगदीशपुर में 3573 व तिलोई के गांवों में 3122 कुल छुट्टा पशु मिले हैं। जबकि सलोन (रायबरेली) विधानसभा क्षेत्र में 10,128 छुट्टा पशु पाए गये।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में अवारा पशुओं की गंभीर समस्या है और यह चुनावों में भी मुद्दा बनता रहा है।

भाषा सं आनन्द धीरज

धीरज

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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